एनआरएमयू के लखनऊ मंडल द्वारा ट्रैक मेंटेनर जोनल कान्फ्रेंस का आयोजन

नार्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन (एनआरएमयू) की रिपोर्ट


नार्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन के लखनऊ मंडल द्वारा 11 नवंबर को आयोजित जोनल ट्रैक मेंटेनर कान्फ्रेंस में आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन और नार्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि ट्रैक मेंटेनर की समस्याओं से यूनियन न सिर्फ वाकिफ है, बल्कि रेल प्रशासन पर दबाव बनाकर समय- समय पर सार्थक फैसले भी कराते हैं, लेकिन वो निचले स्तर पर दबे रह जाते हैं। अब समय आ गया है कि हम अपना काम तो ईमानदारी से करें, लेकिन शोषण बिल्कुल बिल्कुल बर्दास्त न करें। उत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य अभियंता एस के पांडेय ने कहा कि रनओवर की लगातार कुछ घटनाएं हुई है, ऐसे में आप जब भी ट्रैक पर काम करें, अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा को सबसे ऊपर रखें।

लखनऊ के रविन्द्रालय भवन में आयोजित इस जोनल कान्फ्रेंस में महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि भारतीय रेल में जो लोग ग्रासरुट पर काम करते हैं, उनके योगदान को कभी नकारा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि एक समय था, जब ट्रैकमैन साथी ट्रैकमैन में ही भर्ती होते थे और इसी में रिटायर भी हो जाते थे, पर अब वो हालात नहीं है, यूनियन ने हमेशा ट्रैकमैन साथियों की समस्याओं को सबसे ऊपर रखा है, आपके कैडर में 2800 के बाद 4200 भी आएगा। इसके लिए कमेटी बनी है, कमेटी में मेरे अलावा हमारे अध्यक्ष एस के त्यागी भी है। मीटिंग चल रही है, जल्दी कुछ अच्छा सुनने को मिलेगा।

महामंत्री ने कहाकि युद्ध न हो तो सेना से अधिक लगभग 500 ट्रैकमैन साथी हर साल शहीद होते हैं। हमने पहले भी कहा है कि जब भी कोई शहीद होगा, उसके शव को वहीं पटरी पर रखकर आंदोलन शुरु कर दें। जब तक सीजे अप्वाइँटमेंट और सभी देय का भुगतान न हो उस पटरी से एक भी ट्रेन गुजरने न दें। जब हम इस तरह आंदोलन को अपनाएंगे, तभी हमारी बात प्रमुखता से सुनी जाएगी। महामंत्री ने कहा कि सब को पता है कि कुछ साल पहले सेना के जवानों को ट्रैकमैन के पद पर भर्ती दी गई थी, आज हालत ये है एक भी सैनिक ट्रैकमैन की ड्यूटी नहीं कर रहा है, सब भाग खड़े हुए। मतलब साफ है कि हमारा काम सेना से भी कठिन है। आपको जानकारी होगी कि माओवादी इलाके में सीआरपीएफ के जवान जब जाते हैं, तो एक साथ 20 से 25 की संख्या में होते हैं और आधुनिक हथियारों से लैस होते है, लेकिन हमारा टैकमैन साथी सिर्फ दो लोग होते हैं और वो भी निहत्थे।

काफी पहले तय हो चुका है सैफ्टी कटेगरी से जुड़े रेलकर्मचारियों की ड्यूटी आठ घंटे से अधिक नहीं होगी, लेकिन पद रिक्त का बहाने के हमारे साथियों से 14 घंटे तक काम लिया जा रहा है। ये तो रेल प्रशासन अपने ही आदेशों की अवहेलना कर रहा है। मेरा कहना है कि समय से रिक्त पदों को न भरने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती है। महामंत्री ने दोहराया कि आज प्रमुख मुख्य अभियंता ने कहा है कि अपनी सुरक्षा को सबसे ऊपर रखें। इसलिए अब आप सब शार्टकट रास्ता अपनाना बिल्कुल बंद कर दें, वही करें जो रेल मैनुअल में है। आज बड़ी संख्या में ट्रैकमेंटनर साथी पढ़े लिखे आ चुके हैं, ऐसे में सीधी भर्ती का कोटा कम करके हमारी ट्रैकमैन साथियों को टीटीई, गार्ड, स्टेशन मास्टर बनने का मौका क्यों नहीं दिया जाना चाहिए।

जहां तक सवाल पुरानी पेंशन की बहाली का है, इस पर हम एक आर पार के संघर्ष की तैयारी कर रहे हैं, इसमें आप सभी महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारी बात तब तक नहीं सुनी जाएगी, जब तक हम अपनी ताकत नहीं दिखाएंगे।

प्रमुख मुख्य अभियंता एस के पांडेय ने कहा कि ये सही बात है कि आज ट्रेनों की संख्या बढ़ी है, उनकी रफ्तार बढ़ी है। दोनों के साथ सामंजस्य बनाकर आप बेहतर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ट्रैकमेंटेनर भारतीय रेल की रीढ़ हैं। उन्होंने ट्रैकमेंटेनर साथियों से अपील की वो जब भी ट्रैक पर काम करें, अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा को सबसे ऊपर रखें। श्री पांडेय ने कहा कि जिस तरह से भारतीय रेल का आधुनिकीकरण हो रहा है, उसी तरह से हम सभी का प्रयास है कि कर्मचारियों के उपकरण को भी आधुनिक और कम वजन का बनाया जाए। चूंकि अब काफी पढ़े लिखे ट्रैकमैन आ गए है, इसलिए आधुनिक उपकरणों पर भी काम चल रहा है, रेल प्रशासन का मानना है कि आधुनिक उपकरणों को हैंडल करने में आप को कोई असुविधा नहीं होगी।

प्रमुख मुख्य अभियंता ने कहा कि आप भी जानते हैं कि सुरक्षित यातायात के लिए पटरी का निरीक्षण करना ही होगा, हां पेट्रोलिंग के लिए कुछ आधुनिक उपकरणों पर बोर्ड स्तर पर भी विचार चल रहा है। ट्रैकमैन का कोई रिप्लेसमेंट नहीं है। जब सभी लोग एलडीसीई ओपेन टू आल कर दिए जाने पर चले जाएंगे तो आखिर ये काम कैसे होगा। जहां तक क्वार्टर की समस्या की बात की गई है, इस पर काम चल रहा है, जल्दी कोई फैसला हो जाएगा। उन्होंने कहाकि ट्रैकमैन के काम को कैसे आसान बनाया जाए, इस पर हम सभी काम कर रहे हैं, जल्दी ही आपको नतीजे भी देखने को मिल सकते हैं।

नार्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन के अध्यक्ष एस के त्यागी ने कहा कि भारतीय रेल में ट्रैक मैंटेनर्स की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। यात्रियों को सुरक्षित सफर कराने की जिम्मेदारी आप सभी बखूबी उठाते है। कैसा भी मौसम हो, आपको अपना काम करना ही होता है, ये बात रेल प्रशासन भी जानता है और यूनियन को भी पता है। जहां तक आपकी मांगो का सवाल है, हर मांग पर यूनियन की बात संबंधित स्तर पर चल रही है। मंडलमंत्री आर के पांडेय ने कहा कि हमारे ट्रैकमैन साथी कभी सोच भी नहीं सकते थे कि उन्हें ट्रेन में एसी का पास मिल सकता है, लेकिन महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा का प्रयास रहा कि आज हमारे साथी परिवार के साथ एसी बोगी में सफर कर पा रहे हैं। इसके अलावा यूनिफार्म एलाउंस पर भी महामंत्री जी का प्रयास रहा है। अभी कोशिश चल रही है कि 1800 ग्रेड पे वालों को बिना किसी परीक्षा के 30 प्रतिशत को 1900 ग्रेड पे मिल जाए।

इस कार्यक्रम को मंडल रेल प्रबंधक एस के सपरा और एनआरएमयू के मंडल अध्यक्ष विभूति मिश्रा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जोनल सेक्रेटरी एस यू शाह, केंद्रीय कोषाध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव, मंडल मंत्री राजेश चौबे, अनूप वाजपेयी, शैलेन्द्र सिंह, मंडल अध्यक्ष मनोज शर्मा और आलोक मिश्रा भी मौजूद रहे।

महेन्द्र श्रीवास्तव

फोन 9140369128

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