29 नवम्बर – अभियंता संकल्प दिवस

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ का संदेश

29 नवम्बर,1979 – उप्र के बिजली इन्जीनियरों के अप्रतिम त्याग, शौर्य एवम बलिदान का अविस्मरणीय अध्याय जो देश भर के विद्युत् अभियंताओं के लिए एक प्रेरक मिसाल बन गया – एक आंदोलन जिसकी आवाज बी बी सी लन्दन और विदेशी मीडिया से भी सुनी गयी —
नारा था

“हम अभियंता हैं याचक नहीं – सेवा करेंगे तो हक़ भी लेंगे”


उत्तर प्रदेश के बिजली अभियंताओं के आंदोलन को कुचलने के लिए तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने आंदोलनकारी इन्जीनियरों पर मीसा (Maintenance Of Internal Security Act – now known as NSA) लगाया जिसमे गिरफ्तार होने पर छह माह तक अदालत भी हस्तक्षेप नहीं कर सकती थी और सरकार को यह अधिकार था कि अवधि छह माह और बढ़ा सकती है अर्थात बिना सुनवाई के एक साल तक जेल।

28 – 29 नवम्बर की रात में पनकी बिजली घर से गिरफ्तारी का समाचार मिलते ही 29 नवम्बर की सुबह से बिजली इन्जीनियरों ने हज़रतगंज कोतवाली के सामने कतारबद्ध होकर स्वेच्छा से गिरफ्तारी देना शुरू कर दिया तो ऐसा माहौल पैदा हो गया जिसमे सरकार के मीसा के टुकड़े हज़रतगंज की नालियों में बहते देखे जा सकते थे। 1600 से अधिक बिजली अभियंताओं ने स्वेच्छा से गिरफ्तारी दे कर उ.प्र. की जेलों को भर दिया। 85 अधीक्षण अभियंताओं और एक मुख्य अभियन्ता ने फौलादी एकता का परिचय देते हुए स्वेच्छा से गिरफ्तारी दे कर प्रदेश सरकार की दमनकारी नीतियों को धता बता दिया । अन्ततः सरकार को झुकना पड़ा , सरकार वार्ता की मेज पर आयी और सभी अभियंताओं की बिना शर्त रिहाई हुई । वैसे तो समयबद्ध वेतनमान अर्थात पदोन्नति न हो तो भी एक निश्चित समय के बाद पदोन्नति पद का वेतन मान मिले और 1969 ,1974 तथा 1979 से तीन वेतन पुनरीक्षण की मांग को लेकर यह आंदोलन शुरू हुआ था किन्तु आन्दोलन अप्रतिम त्याग एवम बलिदान की मिसाल बन इतिहास बन गया ।

आज़ादी के मतवालों की तरह इस आंदोलन में सम्मिलित होने वाले नायकों को साधुवाद देते हुए बलिदान की इसी गाथा को समय आने पर पुनः दोहराने के लिए प्रति वर्ष ” संकल्प दिवस ” पर हम संकल्प लेते हैं ।

जय अभियंता संघ!
जय हिन्द!!

जितेन्द्र सिंह गुर्जर
महासचिव, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ

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