श्री विजय बंधु, राष्ट्रीय अध्यक्ष, NMOPS का संदेश
उ.प्र. बिजली विभाग के कर्मचारियों ने कोई शौखियन हड़ताल नहीं किया है। इस हड़ताल की असली वजह सरकार की तानाशाही है। सरकार को कर्मचारी संगठनों से बात करना चाहिए और यदि किसी पर बात समझौते हुए थे, उसे लागू करना चाहिए, ना की हठधर्मिता।
सरकारी विभाग यदि घाटे में है तो जिम्मेदार सरकार है, उसकी नीतियां है, ना कि वे कर्मचारी। जिस तरह से सभी विभागों में निजीकरण हो रहा है आने वाले समय में सरकारी संस्थानों और नौकरियों के बारे में किसी संग्रहालय में लोगों को दिखा करके यह बताया जाएगा कि ऐसे पहले सरकारी संस्थान व सरकारी पद हुआ करते थे।
सरकार बातचीत का रास्ता निकाले, समस्याओं को हल करे। डंडे के बल पर न तो किसी विभाग का उद्धार हो सकता है न कर्मचारी से दिल से काम करवाया जा सकता है और ना ही प्रदेश का विकास डंडे के दम पर कराया जा सकता है।
इसलिए हमारी मांग है कि सरकार तत्काल हठधर्मिता छोड़े और पूर्व में किए गए समझौते को लागू करे। कर्मचारी प्रदेश के विकाश में दिन रात काम करने को तैयार है।
सभी संगठनों से भी मेरी अपील है कि कोई संघर्ष कर रहा है, कोई लड़ रहा है, तो सारी बात छोड़ करके सब को एक साथ खड़ा होना होगा अन्यथा एक दिन बारी बारी से सब की बारी आएगी और टुकुर-टुकुर सब देखते रह जाएंगे।
हम बिजली विभाग के कर्मचारियों के साथ एवं उनके इस आंदोलन के साथ हैं।
महाराष्ट्र के साथियों द्वारा पुरानी पेंशन के लिए लगातार हड़ताल का भी हम समर्थन करते हैं और वाजिब मांग के लिए हम अंतिम क्षण तक लड़ेंगे क्योंकि पेंशन हक है, लेकर रहेंगे।