यूनाइटेड फोरम ऑफ महाबैंक यूनियन्स का संदेश
प्रिय साथियों,
हमें आपके साथ यह साझा करने में प्रसन्नता हो रही है कि प्रबंधन के साथ लंबी चर्चा के बाद, आज महाबैंक यूनियनों का यूनाइटेड फोरम एक समझौते पर पहुंचा है, जिसके तहत प्रबंधन अधिकारियों को 4 दिनों के काटे गए वेतन वापस करने पर सहमत हो गया है, अवैध रूप से बंद कर दिए गए चेक ऑफ सिस्टम को बहाल किया जायेगा, गैरकानूनी रूप से बढ़ा दिए गए परिवीक्षा अवधि पुर्वीत किया जायेगा और प्रतिशोधपूर्वक जारी किये गए चार्जशीट को बंद कर दिया जायेगा।
इस प्रकार, हड़ताल की कार्रवाइयों से उत्पन्न मुद्दों को संतोषजनक ढंग से संबोधित किया गया है।
जहां तक भर्ती का संबंध है, बैंक ने 23 जून तक 300 क्लर्कों और 400 अधिकारियों की अतिरिक्त भर्ती की प्रक्रिया पूरी करने का आश्वासन दिया है। अतिरिक्त भर्ती के लिए बैंक ने मूल्यांकन में यूनियन को संबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की है ताकि वर्ष 2023-24 के लिए बढ़े हुए मांगपत्र पर पहुंचा जा सके।
प्रबंधन यूनियनों से सुझाव मांगकर 23 जून तक एचआर और आईआर नीति पर फिर से विचार करने के लिए सहमत हो गया है और यह अनुमोदन के लिए बोर्ड में ले जाया जाएगा।
प्रबंधन ने सहमति व्यक्त की कि जहां तक संभव हो सके कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश और छुट्टियों पर नहीं बुलाया जाएगा और यदि असाधारण रूप से बुलाया जाता है तो उन्हें मुआवजा दिया जाएगा।
प्रबंधन अधिकारियों के तबादलों को प्रभावी करते समय विचार करने के लिए सहमत हुआ, जबकि अवार्ड कर्मचारियों के मामले में इसे पहले ही लागू किया गया है और इसलिए प्रश्न पहले ही संबोधित किया जा चुका है।
जहां तक पीटीएस और सब-स्टाफ की भर्ती का संबंध है, प्रबंधन ने इस संबंध में सरकार के निर्देशों को देखते हुए अपनी असमर्थता व्यक्त की। यूनियनों ने प्रबंधन के संज्ञान में लाया कि अस्थाई कर्मचारियों का मामला विभिन्न श्रम न्यायालयों, औद्योगिक न्यायालयों, उच्च न्यायालयों में लंबित है, जिस पर प्रबंधन ने चर्चा जारी रखने पर सहमति व्यक्त की है।
उपरोक्त सकारात्मक घटनाक्रमों के मद्देनजर 28 और 29 मार्च को प्रस्तावित हड़ताल स्थगित कर दी गई है।
विराज टिकेकर – संयोजक
धनंजय कुलकर्णी – संयुक्त संयोजक