मध्यप्रदेश में नर्सें हड़ताल पर

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट


10 जुलाई, 2023 की दोपहर से पूरे मध्यप्रदेश की नर्सें, नर्सिंग आफिसर्स एसोसिएशन की अगुवाई में अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
खंडवा, मंदसौर, सतना, बुरहानपुर, छतरपुर, विदिशा, खारगौन सहित मध्यप्रदेश के जिला अस्पतालों से लेकर ग्रामीण इलाकों में काम करने वाले दसों-हजार नर्सें हड़ताल पर हैं।

नर्सें अपनी मांगों के समर्थन में, जिला अस्पतालों पर धरना दे रही हैं, कहीं रैली निकाल रही हैं। कहीं जोरदार प्रदर्शन करके जुलूस निकाल रही हैं। वे सरकार की मज़दूर-विरोधी नीतियों की निंदा कर रही हैं और मज़दूर बतौर अपने अधिकारों के समर्थन में नारे बुलंद कर रही हैं।

हड़ताल पर जाने से पहले, नर्सिंग ऑफिसर्स एसोसिएशन ने सरकार को 3 जुलाई को ज्ञापन के साथ चेतावनी दी थी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएंगी। 8 जुलाई को एक घंटे की हड़ताल करके उन्होंने अपना विरोध दर्ज़ करवाया था।

नर्सिंग ऑफिसर्स एसोसिएशन का कहना है कि वेतन विसंगति, पदोन्नति और नए पदों पर भर्ती करने जैसी मांगें लंबे समय से की जा रही हैं। अब नर्सें अपनी मांगें मनवाने के लिए चरणबद्ध आंदोलन के ज़रिए सरकार तक अपनी बात पहुंचा रही हैं।

चरणबद्ध आंदोलन के बारे में एसोसियेशन ने बताया कि 3 जुलाई, 2023 को मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया था। 4 जुलाई को प्रेसवार्ता करके विभाग तक अपनी बात पहुंचायी गई। 5 तथा 6 जुलाई को नर्सों ने अपने आंदोलन की ओर ध्यान दिलाने के लिए अपनी ड्यूटी के अलावा, क्रमशः एक घंटा तथा दो घंटा ज्यादा ड्यूटी दी। 7 जुलाई को जिला स्तर पर मीटिंग की। 8 जुलाई को जिला स्तर पर 1 घंटा का प्रदर्शन किया।

आंदोलित नर्सों की मुख्य मांगे इस प्रकार हैं

• नर्सिंग श्रेणी के वेतन विसंगति को दूर किया जाए। नर्सिंग ऑफिसर वेतनमान ग्रेड पे 2800 रुपए से बढ़ाकर ग्रेड पे 4200 रुपए किया जाए। सीनियर नर्सिंग ऑफिसर/ट्यूटर की ग्रेड पे 3600 रुपए से बढ़ाकर ग्रेड पे 4600 रुपए किया जाए। मेट्रन ग्रेड पे 4200 रुपए से बढ़ाकर ग्रेड पे 4800 रुपए किया जाए।

• रात्रिकालीन आकस्मिक चिकित्सा भत्ता स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों को 500 रुपए प्रति रात्रि दिया जाता है। इनके साथ संलग्न नर्सेस व अन्य पैरामेडिकल कर्मचारियों को भी 300 रुपए प्रति रात्रि आकस्मिक चिकित्सा भत्ता दिया जाए।

• ग्वालियर एवं रीवा मेडिकल कॉलेज में जी.एन.एम. नर्सिंग को तीन एवं बी.एस.सी. नर्सिंग को चार वेतन वृद्धि दी गयी है। यही मापदंड शेष मेडिकल कॉलेजों पर लागू हो।

• नर्सिंग स्टूडेंट का स्टाइपेंड 3000 रुपए से बढ़ाकर 8000 रुपए किया जाए।

• प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्वशासी (आटोनोमस) संस्थानों के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ जनवरी 2016 से दिया जाए।

• शासकीय सेवा में सीधी भर्ती में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पदों पर चयन होने पर तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि एवं 70 प्रतिशत, 80 प्रतिशत, 90 प्रतिशत मानदेय नियम को निरस्त कर, पूर्व की भांति 100 प्रतिशत मानदेय दिया जाए।

• पुरानी पेंशन योजना (ओ.पी.एस.) लागू की जाए।

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