टीओडी टैरिफ प्रणाली का हमें पुरजोर विरोध करना चाहिए

एक पाठक का पत्र

माननीय संपादक महोदय,

AIFAP की वेबसाइट पर प्रकाशित 7 जुलाई 2023 के आर्टिकल टीओडी टैरिफ प्रणाली सरकार द्वारा लागू करने के विषय में बहुत ही साफ़ तरीके से आपने समझाया कि ये नयी प्रणाली उपभोक्ताओं के लिए कितनी भयानक है। साथ ही मैं ये जोड़ना चाहूंगा की ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, कुछ वर्षो पहले भारतीय रेल ने, रेल के किराये ‘डायनामिक फेयर’ के मुताबिक किये। उस वक़्त जनता से ये कहा जा रहा था कि, इससे ट्रैन के किराये कम होंगे और यात्रिओं को सुविधा होगी। लेकिन आज हम देख सकते है कि ‘डायनामिक फेयर’ लाने से रेल की किराये अवकाश व जरूरत के दिनों में सबसे अधिक बढ़ जाते हैं और कई बार साधारण किराये से तीन या चार गुना भी हो जाते हैं। और इतना ही नहीं इस प्रणाली के वजह से रेल यात्राएं अवस्तन बहुत महंगी हो चुकी है, ये हम सब जानते हैं।

केंद्र सरकार ने विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020 के तहत टीओडी टैरिफ प्रणाली स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए तुरन्त लागू हो जाएगी। ये ज्ञात हो कि ये प्रणाली आम उपभोक्ताओं के अलावा छोटे कारखानों व उद्योगों के लिए भी बहुत हानिकारक है। देश में आज भी छोटे उद्योग का प्रमाण सबसे अधिक है और कई उद्योगों में बिजली की खपत अधिक होती है। अगर ये प्रणाली लागू होती है तो छोटे उद्योगों को बड़े फ़ैक्टरिओं और कंपनियों से स्पर्धा बहुत ही कठिन हो जायेगी और अंततः वे बंद होने पे मज़बूर हो जायेंगे। इसलिए टीओडी टैरिफ प्रणाली का हमें पुरजोर विरोध करना चाहिए।

धन्यवाद।

– सुरेश

बदलापुर

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