केईसी संवाददाता की रिपोर्ट
सरकार ने जेएनपीटी द्वारा संचालित एकमात्र कंटेनर टर्मिनल का निजीकरण करने की योजना बनाई है। अन्य चार कंटेनर टर्मिनल पहले से ही निजी ऑपरेटरों द्वारा चलाए जा रहे हैं।
जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (जेएनपीटी) में एक लिक्विड टर्मिनल के अलावा पांच कंटेनर टर्मिनल हैं। पांच कंटेनर टर्मिनलों में से, वर्तमान में केवल एक टर्मिनल जेएनपीटी द्वारा संचालित है, जबकि अन्य चार पहले से ही निजीकृत हैं और बहुराष्ट्रीय बंदरगाह ऑपरेटरों द्वारा चलाए जा रहे हैं। अब जेएनपीटी द्वारा संचालित एकमात्र टर्मिनल को एक निजी पोर्ट ऑपरेटर को सौंपने के लिए वैश्विक बोलियां आमंत्रित की गई हैं। संचालन का अनुबंध 30 साल के लिए होगा।
पांच कंटेनर टर्मिनलों में मिलकर 8.1 मिलियन ट्वेंटी-फुट समतुल्य इकाइयों (टीईयू) को संभालने की क्षमता है। टीईयू कंटेनर जहाजों और टर्मिनलों की क्षमता को इंगित करने के लिए एक मानकीकृत उपाय है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान जेएनपीटी ने 47 लाख टीईयू का कारोबार किया।
इस निजीकरण का बंदरगाह के कामगारों द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है, जिन्हें बड़ी संख्या में श्रमिकों की नौकरियों के नुकसान और बड़ी संख्या में ठेका श्रमिकों के उपयोग की आशंका है। जेएनपीटी के पास के ग्रामीणवासी भी टर्मिनलों के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं क्योंकि कई ग्रामीणवासियों को उनकी जमीन अधिग्रहण के एक दशक बाद भी नौकरी देने का वादा पूरा नहीं किया गया है।