“सार्वजनिक क्षेत्र लोक कल्याण के लिए है न कि कॉर्पोरेट लूट के लिए” – जीआईईएआईए

सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों के क्लास 3 व 4 कर्मचारी वर्ग तथा क्लास 1 अधिकारी वर्ग का जनरल इंश्योरेंस एम्प्लॉइज ऑल इंडिया एसोसिएशन (जीआईईएआईए) का खुला पत्र

दिनांक : 31 अगस्त, 2023

जनरल इंश्योरेंस एम्प्लॉइज ऑल इंडिया एसोसिएशन ( कर्मचारी वर्ग – क्लास 3 व 4 तथा अधिकारी वर्ग – क्लास 1) ने देश की जनता, मीडिया व प्रेस, अपने पूरे नेतृत्व और साथियों के लिए खुला पत्र जारी किया और सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों को बचाने की अपील की

आने वाले दिनों में सभी साथी, सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों को किसी भी हमले से बचाने और कर्मचारियों एवं अधिकारियों के अधिकार एवं सम्मान की सुरक्षा हेतु प्रत्येक स्तर पर एक ऐतिहासिक संघर्ष और अभूतपूर्व अभियान की तैयारी करें

प्रिय साथियों,

रक्षा बंधन के शुभ अवसर पर, जनरल इंश्योरेंस एम्प्लॉइज ऑल इंडिया एसोसिएशन अपने सभी साथियों एवं उनके परिजनों को हार्दिक शुभकामनाएं देता है। अत्यंत पीड़ा और दुख की भावना के साथ हम हर एक को अपने उद्मोग की गंभीर स्थिति के बारे में सूचित करने के लिए मजबूर हैं कि वर्तमान केंद्र सरकार, जो राष्ट्रवाद के प्रति प्रतिबद्धता का अपना दावा करती है वो वास्तव में उन प्रतिष्ठित संस्थानों जो आधुनिक भारत की नींव के रूप में काम करते रहे हैं, को समाप्त करने और बेचने में लगी हुई है । ये देश के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र हैं, जिन्हें सांठगांठ वाले पूंजीपतियों और कॉरपोरेट लूट के हवाले किया जा रहा है।

सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियाँ, जिन्होंने हमारे देश के लोगों की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और पिछले पचास वर्षों से कई सामाजिक योजनाओं को पूरी ईमानदारी और सफलता से लागू किया है, वे वर्तमान सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र विरोधी नीतियों के कारण घोर उपेक्षा एवं शक्ति के क्षरण का सामना कर रही हैं।

वर्तमान परिदृश्य में, सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियाँ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कोरोना कवच योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, आयुष्मान भारत जैसी महत्वपूर्ण सामाजिक कल्याण योजनाओं सहित अन्य योजनाओं को लागू करने में सरकार के निर्देशों का ईमानदारी से पालन कर रही हैं, बावजूद इसके वर्तमान सरकार इन कार्यक्रमों का श्रेय लेने में जल्दबाजी कर रही है और राजनीतिक लाभ लेने के लिए प्रचार में करोड़ों का व्यर्थ व्यय कर रही है परन्तु इन कम्पनियों को आर्थिक सहायता व संबल प्रदान करने में विफल है जिससे इन कम्पनियों और इसके कर्मचारी, अधिकारी, पूर्व कर्मचारी, पेंशनभोगी, एजेंट और अन्य महत्वपूर्ण योगदानकर्ताओं को भारी क्षति निश्चित है।

इसके अतिरिक्त सार्वजनिक क्षेत्र के हमारे मौलिक सिद्धांत को कमजोर करते हुए, कॉर्पोरेट और कई अन्य लोगों के व्यवसायिक हितों को पूरा करने के लिए सरकार की नीतियों व कार्यों के कारण लाभदायक सार्वजनिक क्षेत्रों की बिक्री हुई है। यह देखना न सिर्फ आश्चर्यजनक बल्कि निराशाजनक भी है कि निजी क्षेत्र जिन्होंने हजारों करोड़ रुपये का जीएसटी भी लूट लिया है तथा जिन्हें सामाजिक उद्देश्यों की कदापि चिंता नहीं है, उनके ही हितों के लिए नीतियों को संरक्षित किया जा रहा है।

यह अजीब है कि कुछ मुद्दे, जिन्हें बैंकिंग उद्योग के अंदर सुलझा लिया गया है परन्तु सार्वजनिक सामान्य बीमा उद्मोग में उपेक्षित हैं, इसमें एनपीएस और पारिवारिक पेंशन में बढ़ोतरी जैसे महत्वपूर्ण मामले शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों के विलय और निजी कम्पनियों से प्रतिस्पर्धा हेतु समान नीतियों, नियमों व अवसर उपलब्ध कराने जैसे महत्वपूर्ण मसलों पर भी केन्द्र सरकार कतई गतिशील व गम्भीर नहीं है ।

इन चिंताजनक घटनाक्रमों का जवाब देते हुए, जनरल इंश्योरेंस एम्प्लॉइज ऑल इंडिया एसोसिएशन, समान विचारधारा वाले लोगों, संयुक्त मोर्चा, अन्य संगठनों व यूनियंस के सहयोग से वर्तमान सरकार का सार्वजनिक क्षेत्र विरोधी, मजदूर-विरोधी व जन-विरोधी एजेंडा को सामने लाना आवश्यक समझती है। जाहिर है कि सरकार आम लोगों के कल्याण से अधिक घनिष्ठ पूंजीपतियों और विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग के हितों को प्राथमिकता दे रही है।

इन नीतियों के विरोधस्वरूप एक प्रतिक्रिया के रूप में, हमें ग्रामीण क्षेत्र और मध्यम वर्ग पर विशेष जोर देने के साथ देश भर में पूर्ण संघर्ष का एक सृदृढ़ अभियान प्रारम्भ करने के लिए कमर कस के तैयार होने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

वर्तमान में सार्वजनिक सामान्य बीमा उद्योग भीतर और बाहर दोनों तरफ से बहुर्मुखी चुनौतियों से जूझ रहा है। आज इन बाहरी ताकतों के साथ साथ कुछ टीपीए, दलालों, निजी खिलाड़ियों, मध्यस्थों को फायदा पहुंचाने वाली और उनके साथ अनैतिक सांठगांठ रखने वाली संस्थाएं, कुछ डीएफएस अधिकारी और विभिन्न अन्य निहित स्वार्थ वाली संस्थाओं को बेनकाब करना हमारा देशभक्तिपूर्ण और ऐतिहासिक कर्तव्य है। सार्वजनिक संभाषण हेतु सूचना को सक्षम करने के लिए पारदर्शिता नितांत आवश्यक है।

गहन चिंतन व मंथन के पश्चात, जनरल इंश्योरेंस एम्प्लॉइज ऑल इंडिया एसोसिएशन ने समान विचारधारा वाले संघों, जेएफटीयू, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, डब्ल्यूएफटीयू और आम जनता के व्यापक समर्थन से मिलकर इन अन्यायों का मुकाबला करने की प्रतिबद्धता के साथ एक ऐतिहासिक संघर्ष शुरू करने का संकल्प लिया है। हम अपने संपूर्ण नेतृत्व से आग्रह करते हैं कि सार्वजनिक सामान्य बीमा उद्योग जोकि मूल्यवान और राष्ट्रीय सम्पत्ति है की सुरक्षा हेतु और देश भर में हमारी जायज मांगों को आवाज देने के लिए सभी कर्मचारियों, अधिकारियों, पूर्व कर्मचारियों, पेंशनभोगियों, एजेंटों, सर्वेक्षणकर्ता, वकील और सम्मानित ग्राहक को संगठित कर हर स्तर पर एक मजबूत आंदोलन व ज़मीनी अभियान शुरू करने और प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने के लिए तैयार करें।

जनरल इंश्योरेंस एम्प्लॉइज ऑल इंडिया एसोसिएशन दृढ़ता से “सार्वजनिक क्षेत्र लोक कल्याण के लिए है न कि कॉर्पोरेट लूट के लिए” के नारे के साथ सदैव पूरी मजबूती से खड़ा है।

आपका साथी,

त्रिलोक सिंह
महासचिव
जनरल इंश्योरेंस एम्प्लॉइज ऑल इंडिया एसोसिएशन

दर्शन कुमार वाधवा
महासचिव
जनरल इंश्योरेंस एम्प्लॉइज ऑल इंडिया एसोसिएशन – अधिकारी वर्ग

 

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