कामगार एकता कमिटी (KEC) संवाददाता की रिपोर्ट
पंजाब के किसान स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का विरोध कर रहे हैं। उन्हें डर है कि स्मार्ट मीटर बाद में प्री-पेड डिवाइस में तब्दील हो जाएंगे और उन्हें अब से ज्यादा बिल चुकाना पड़ेगा।
स्मार्ट बिजली मीटर लगते ही किसान इन्हें तुरंत हटाकर बिजली निगम कार्यालय में जमा करा रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसान इस कदम के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करने के लिए बार-बार अधिकारियों का घेराव कर रहे हैं।
किसान संघ के एक नेता ने कहा, “पीएसपीसीएल सभी मीटरों को प्री-पेड बिजली मीटरों से बदल देगा और स्मार्ट मीटरों में एक सुविधा है कि उन्हें किसी भी समय प्री-पेड डिवाइस में बदला जा सकता है।”
महाराष्ट्र के किसान भी स्मार्ट बिजली मीटर का विरोध करने की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि केंद्र सरकार की पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के अंतर्गत पहले चरण में 15,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से राज्य के चार क्षेत्रीय डिवीजनों पुणे, औरंगाबाद, नागपुर और कोंकण में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना बनाई गई है।