कामगार एकता कमिटी (केईसी) संवाददाता की रिपोर्ट
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों(सीटीयू) /फेडरेशनों/एसोसिएशनों के संयुक्त मंच ने 16 फरवरी को रेल रोको / रास्ता रोको / जेल भरो / ग्रामीण बंद / जुलूस और केंद्र सरकार के कार्यालयों के सामने धरना के रूप में पूरे भारत में श्रमिकों और किसानों की बड़े पैमाने पर लामबंदी का संयुक्त आह्वान किया है।
मौजूदा सरकार द्वारा विभिन्न कानूनों, कार्यकारी आदेशों और नीतिगत अभियानों के माध्यम से आक्रामक रूप से श्रमिक-विरोधी, किसान-विरोधी और जन-विरोधी उठाये जा रहे कदमों के खिलाफ और निम्नलिखित मांगों को पूरा कराने तक के संघर्ष को तेज करने का आह्वान है:
– गारंटीशुदा खरीद के साथ सभी फसलों के लिए एमएसपी@सी2+50%,
– श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन 26,000/- रुपये प्रति माह,
– ऋणग्रस्तता से मुक्ति के लिए छोटे और मध्यम किसान परिवारों को व्यापक ऋण माफी
– 4 श्रम संहिताओं को निरस्त करें,
– मौलिक अधिकार के रूप में रोजगार की गारंटी दें,
– रेलवे, रक्षा, बिजली सहित सार्वजनिक उपक्रमों का कोई निजीकरण नहीं,
– नौकरियों का कोई अनुबंधीकरण नहीं,
– प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 200 दिन काम और 600/- रुपये दैनिक वेतन के साथ मनरेगा को मजबूत करें,
– पुरानी पेंशन योजना बहाल करें,
– एलएआरआर अधिनियम 2013 (भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013) को लागू करें।
सीटीयू ने 26 जनवरी, 2024 को जिला मुख्यालयों पर ट्रैक्टर/वाहन परेड के लिए एसकेएम द्वारा पहले ही दिए गए आह्वान को समर्थन देने का निर्णय किया है और कार्यकर्ताओं से अपने वाहनों के साथ इसमें शामिल होने की अपील करी है।
कार्यकर्ता और किसान संयुक्त रूप से पत्रक वितरित करने, मांग पत्र वितरित करने और संघर्षों में बड़े पैमाने पर भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 10 से 20 जनवरी 2024 को भारत भर के सभी गांवों में घर-घर जाकर जन जागरण अभियान चलाएंगे।
एसकेएम् और सीटीयू ने श्रमिकों, किसानों, कृषि श्रमिकों, महिलाओं, युवाओं, छात्रों और जनता के अन्य सभी वर्गों से जन-विरोधी, राष्ट्र-विरोधी सत्तावादी नीतियों का विरोध करने और उन्हें हराने के लिए इस व्यापक जन कार्रवाई में शामिल होने का आह्वान किया है।