सैमसंग के मज़दूर ने अपने अधिकारों के लिए हड़ताल शुरू की

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट


तमिलनाडु के सृपेरूबदूर के पास सुंगुवरचत्रम में सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री के मज़दूरों ने 9 सितंबर, 2024 से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। वे अपनी यूनियन को मान्यता देने, वेतन संशोधन और काम की बेहतर परिस्थितियों की मांग कर रहे हैं। इस फैक्ट्री में क़रीब 1,800 मज़दूर काम करते हैं। फैक्ट्री में रेफ्रिजरेटर, टीवी और वॉशिंग मशीन जैसे उपकरण बनाए जाते हैं। दक्षिण कोरियाई बहुराष्ट्रीय कंपनी सैमसंग का उत्तर प्रदेश में भी एक प्लांट है, जहां स्मार्टफोन बनाए जाते हैं। सैमसंग हिन्दोस्तान में अपनी फैक्टरियों से सालाना 12 अरब डॉलर का मुनाफ़ा कमाता है। कहा जाता है कि सृपेरूंबदूर प्लांट के मज़दूरों के शोषण से सैमसंग को क़रीब चार अरब डालर का मुनाफ़ा मिल रहा है।

फैक्ट्री के मज़दूरों के पास पिछले 16 सालों से कोई पंजीकृत ट्रेड यूनियन नहीं थी। काम की असहनीय परिस्थितियों और बर्बर शोषण का सामना करते हुए तमिलनाडु इकाई के मज़दूरों ने दो महीने पहले खुद को एक यूनियन में संगठित किया। उन्होंने अपनी यूनियन का पंजीकरण करने का आवेदन दिया है, परन्तु सैमसंग प्रबंधन के दबाव के कारण श्रम विभाग के अधिकारी पिछले दो महीनों से यूनियन को पंजीकृत करने से इनकार कर रहे हैं। सैमसंग प्रबंधन यूनियन को मान्यता देने से इनकार कर रहा है और मज़दूरों पर यूनियन छोड़ने का दबाव बना रहा है। बेहतर वेतन और काम करने की स्थिति के लिए मज़दूरों की सभी मांगों को प्रबंधन ने ख़ारिज़ कर दिया है।

इन परिस्थितियों में, मज़दूरों ने अपनी यूनियन की मान्यता और अन्य मांगों के लिए 9 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। मज़दूरों ने कारखाने के पास एक टैंट लगाया है जहां पर वे अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

पूरे तमिलनाडु की ट्रेड यूनियनों और मज़दूर संगठनों ने सैमसंग के मज़दूरों की न्यायोचित मांगों के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है। 16 सितंबर को, हड़ताली मज़दूरों ने कांचीपुरम में जिला कलेक्टर के कार्यालय तक एक रैली आयोजित करने का फै़सला किया। शांतिपूर्वक इकट्ठा होने और अपनी मांगों को उजागर करने के अधिकार सहित, सभी लोकतांत्रिक और ट्रेड यूनियन अधिकारों का उल्लंघन करते हुए, पुलिस ने बड़ी संख्या में मज़दूरों को गिरफ़्तार किया और उन्हें विरोध प्रदर्शन करने से रोका।

मज़दूरों के लोकतांत्रिक अधिकारों के इस जबरदस्त उल्लंघन के ख़िलाफ़ विरोध करने और सैमसंग के मज़दूरों को अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए, तमिलनाडु के विभिन्न ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों ने चेन्नई में मुलाक़ात की। उन्होंने सैमसंग प्रबंधन द्वारा मज़दूरों पर किए गए हमलों तथा तमिलनाडु सरकार के मज़दूर-विरोधी रुख़ की निंदा करने के लिए 18 सितंबर को चेन्नई में संयुक्त प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।

विभिन्न कंपनियों में काम करने वाले तथा विभिन्न ट्रेड यूनियनों से जुड़े मज़दूर जब 18 सितंबर को संयुक्त प्रदर्शन में भाग लेने के लिए चेन्नई के वल्लुवर कोट्टम में इकट्ठा हुए तो उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया। पुलिस ने उन्हें कोई भी प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी।

तमिलनाडु सरकार द्वारा प्रदर्शनकारी मज़दूरों पर किया गया बर्बर हमला एक बार फिर दिखाता है कि हिन्दोस्तानी राज्य मज़दूर वर्ग तथा मेहनतकश जनता पर पूंजीपतियों के शासन का एक साधन है। सरकार चलाने की ज़िम्मेदारी चाहे किसी भी पार्टी की हो, राज्य मशीनरी मज़दूरों के लिए नहीं बल्कि पूंजीपति वर्ग के हित में काम करती है।
सैमसंग के मज़दूरों को इन हमलों से घबराना नहीं चाहिए। उन्हें दृढ़ संकल्प के साथ अपनी मांगों के लिए संघर्ष को तेज़ करना चाहिए।

 

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