कोल इंडिया के सभी केंद्रीय श्रम संघों ने सीएमपीडीआई और एमइसीएल के विलय के फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की

श्री वेणु माधव, एटक से प्राप्त रिपोर्ट

22 मई को ‌कोलकता में जेबीसीसीआई बैठक के पूर्व कोल इंडिया के सभी केंद्रीय श्रम संघों जिसमें एटक, भामसं, हिमस तथा सीटु सहित सभी जेबीसीसीआई सदस्यों ने संयुक्त बैठक कर अपने पारित प्रस्ताव में कोयला एवं खान मंत्रालय द्वारा सीएमपीडीआई और एमइसीएल के विलय के फैसले का‌ सख्त विरोध करते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की।

बैठक में कोयला मंत्रालय को चेतावनी दी गई की सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने या इस तरह की किसी भी विलय को स्वीकार नहीं किया जाएगा जिससे कोलइंडिया कमजोर हो और आंदोलन की चेतावनी दी।

एटक द्वारा सीएमपीडीआई मुख्यालय में लगातार प्रदर्शन करने का सिलसिला भी शुरू हो गया और एटक नेता अशोक यादव के नेतृत्व में सीएमपीडीआई के रांची मुख्यालय में प्रतिदिन प्रदर्शन और नारेबाजी का सिलसिला शुरू कर दिया गया। एटक मुख्यालय से एटक महासचिव अमरजीत कौर ने कोयला और खान मंत्री को पत्र देकर इस विलय प्रस्ताव को तत्काल रद्द करने की मांग की।

कोलकता में ट्रेड यूनियनों की हुई बैठक मैं एटक अध्यक्ष रमेंद्र कुमार की महती और नेत्रृतवकारी भूमिका को देखते हुए 25 अप्रैल को लगभग 1:30 बजे दिन में कोयला और खान मंत्री श्री प्रहलाद जोशी ने दूरभाष पर एटक अध्यक्ष कामरेड रमेंद्र कुमार से बात कर सफाई दी कि कोयला मंत्रालय कोल इंडिया से सीएमपीडीआई को अलग नहीं करेगा। सीएमपीडीआई का एम ईसीएल में विलय नहीं बल्कि एमईसीएल का सीएमपीडीआई में विलय करने का प्रस्ताव है और सीएमपीडीआई कोल इंडिया का हिस्सा बना रहेगा। श्री जोशी ने कॉम. रमेंद्र कुमार को यह भी बताया कि एम ईसीएल की खराब स्थिति को देखते हुए उसे बंद करने से बेहतर सीएमपीडीआई में विलय का प्रस्ताव तैयार किया गया है ताकि वह भी कोल इंडिया का हिस्सा बनकर कार्य करें।

कॉ. रमेंद्र कुमार ने इस संदर्भ में कहा कि एमईसीएल के मजदूर कर्मचारियों के सेवा शर्तों का संरक्षण कैसे होगा? इस पर कोयला मंत्री ने वार्ता करने का आश्वासन दिया। कोयला मंत्री के स्पष्टीकरण के बाद कॉम रर्मेंद्र कुमार ने कहा कि आपके प्रस्ताव और सफाई के लिए धन्यवाद देते हैं पर एटक समझता है कि सरकार कोल इंडिया के ट्रेड यूनियनों के साथ वार्ता करके इस पर स्पष्टीकरण दें और हम आपस में विमर्श करने के बाद ही कोई निर्णय ले सकते हैं।

इस पर कोयला मंत्री ने सहमति जताते हुए बैठक बुलाने का आश्वासन दिया और कहा कि मैं अभी गुजरात में हूं, गुजरात से लौटकर बैठक बुलाने का प्रयास करेंगे जिसमें स्थिति स्पष्ट की जाएगी।

कोयला और खान मंत्री की एटक अध्यक्ष से दूरभाष पर वार्ता कोयला मजदूरों की एकताबद्ध कार्रवाई का प्रतिफल है और यह संकेत है कि जुझारू कोयला मजदूर अपने एकताबद्ध संघर्षों के बल पर मजदूर आंदोलन की तहरीक़ में नया अध्याय लिखते रहेंगे।

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