पुडुचेरी सरकार केंद्र सरकार से मांग करेगी कि बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया पर पुनर्विचार किया जाए

श्री शैलेन्द्र दुबे, अध्यक्ष, ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPEF) से प्राप्त रिपोर्ट

पुडुचेरी के पावर डिपार्टमेंट के निजीकरण की प्रक्रिया रोकने हेतु पुडुचेरी के मुख्यमंत्री के सामने रखे गये बिंदु

1. पुडुचेरी के निजीकरण का औचित्य क्या है? पुडुचेरी में देश में लगभग सबसे कम टैरिफ है, उपभोक्ता संतुष्ट हैं, हानिया 11.50 प्रतिशत है और पुडुचेरी का पावर डिपार्टमेंट मुनाफा कमा रहा है । ऐसे में निजीकरण का औचित्य क्या है ?

2. पुडुचेरी के पावर डिपार्टमेंट का 100% निजीकरण किया जा रहा है जबकि अन्य स्थानों पर दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, दादरा नगर हवेली दमन एंड दीव और उड़ीसा में 51 परसेंट निजीकरण किया गया है। 100% निजीकरण की प्रक्रिया असंवैधानिक है। वैसे भी मुनाफे के निजीकरण का औचित्य क्या है?

3. बिजली के निजीकरण हेतु केंद्र सरकार ने सितंबर 2020 में ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्युमेंट जारी किया था जो अभी भी ड्राफ्ट है। इसे अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। सवाल यह है कि जब स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट अभी फाइनल नहीं किया गया है तब किस डॉक्यूमेंट के आधार पर पुडुचेरी का निजीकरण किया जा रहा है। ध्यान रहे स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्युमेंट में पावर यूटिलिटी की पूरी जमीन मात्र ₹1 में लीज पर देने का प्रावधान है। क्या यह उचित है?

चंडीगढ़ में 27 हजार करोड़ रुपए की पावर डिपार्टमेंट की परिसंपत्तियों निजी कंपनी को मात्र 871 करोड़ रुपए में देने का निर्णय लिया गया है। क्या इसी प्रकार पुडुचेरी में भी पॉवर डिपार्टमेंट की परिसंपत्तियां निजी घरानों को कौड़ियों के मोल दे दी जाएगी और क्या यह पुडुचेरी और आम जनता के हित में है?

4. इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 संसद में विगत 8 अगस्त को रखा गया था। संसद ने इसे बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया है। स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट अभी आई नहीं है। यह बिजली का नया कानून बनाया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट आने की प्रतीक्षा किए बिना पुडुचेरी का निजीकरण क्यों किया जा रहा है? क्या जल्दी है ?

5. इलेक्ट्रीसिटी (अमेंडमेंट) रूल 2022 का ड्राफ्ट अगस्त 2022 के अंत में जारी किया गया है जिसे भी अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है।

6. पुडुचेरी का पावर डिपार्टमेंट बिजली के क्षेत्र में एक आदर्श विभाग है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के फाइनल हुए बिना, इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 पर स्टैंडिंग कमिटी की रिपोर्ट फाइनल हुए बिना, इलेक्ट्रीसिटी (अमेंडमेंट) रूल 2022 फाइनल हुए बिना ऐसी कौन सी जल्दी है कि मुनाफा कमाने वाले पुडुचेरी पावर डिपार्टमेंट का निजी करण किया जा रहा है? क्या किसी कारपोरेट घराने का दबाव है ?

7. पुडुचेरी में निर्वाचित सरकार है आप जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं। आपको केंद्र सरकार का दवाब स्वीकार नहीं करना चाहिए। जनता का दवाब किसी भी सरकार के जवाब से बड़ा होता है ।

अतः हमारा अनुरोध है कि निजीकरण की प्रक्रिया रद्द की जाए अन्यथा इसपर तत्काल रोक लगाई जाये।

कैबिनेट की मीटिंग बीच में रोककर पुडुचेरी के मुख्यमंत्री ने बिजली कर्मियों के साथ लगभग डेढ़ घंटे वार्ता की। वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री के साथ बिजली मंत्री, चीफ सेक्रेटरी, पावर सेक्रेटरी मौजूद थे। अन्ततः मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह तमाम तथ्य अभी तक हमारे सामने नहीं रखे गए थे। इन तथ्यों के आधार पर मैं केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर आग्रह करूंगा कि निजीकरण की प्रक्रिया पर पुनर्विचार किया जाए। वार्ता के तुरंत बाद विद्युत मंत्री ने मीडिया के समक्ष साफ तौर पर ये घोषणा की कि बिजली कर्मियों द्वारा रखे गये नए तथ्यों के प्रकाश में पुडुचेरी सरकार केंद्र सरकार से मांग करेगी कि निजीकरण की प्रक्रिया पर पुनर्विचार किया जाए।

फिलहाल पुडुचेरी बिजली कर्मियों की संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री से वार्ता को देखते हुए हड़ताल स्थगित करने का फैसला किया है और दीपावली के बाद संघर्ष समिति आंदोलन की पुनः समीक्षा करेंगे।

पुडुचेरी के मुख्यमंत्री के साथ वार्ता में एक बार पुनः वाराणसी के निजीकरण का फैसला वापस लिये जाने और जम्मू कश्मीर के जॉइन्ट वेंचर अग्रीमेंट को रोकने के संघर्ष की दास्तान पर चर्चा हुई – संघर्ष की गाथा हमेशा सजीव रहती है और याद की जाती है।

बिजली कर्मियों व इंजीनियरों की एकता जिन्दाबाद!

पॉवर सेक्टर बचाओ – भारत बचाओ!

इंकलाब जिंदाबाद!

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