कामगार एकता कमिटी (केईसी) संवाददाता की रिपोर्ट
सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियाँ नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और जीआईसी के 50 हजार कर्मचारी 4 जनवरी को प्रबंधन और सरकार की नीतियों के विरोध में तथा अपनी माँगों के लिए एक दिन की पूर्ण हड़ताल पर रहेंगे।
सामान्य बीमा बीमा क्षेत्र के कर्मचारी महिनों से अपनी माँगों के लिए ज्वाइंट फोरम ऑफ ट्रेड यूनियंस एंड एसोसिएशन के बैनर तले आंदोलन कर रहे हैं। पुनर्गठन के नाम पर बड़े पैमाने पर कार्यालयों की पोलिसी को मनमाने तथा एकतरफा तरीके से थोपने के विरोध में 14, 21 तथा 28 दिसंबर को उन्होंने पूरे देश में प्रदर्शन किया था लेकिन प्रबंधन और सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। कंपनियों पर सैकड़ों कार्यालयों को बंद करने और उनके विलय का अनैतिक दबाव बनाया जा रहा है।
सरकार की नीति का परिणाम है कि पिछले 2 वर्षों में चार सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों के लगभग 1000 कार्यालय बंद हो चुके हैं। जो कार्यालय बंद हुए वे सभी द्वितीय तथा तृतीय श्रेणी के शहरों में थे।
यह स्पष्ट है कि इन नीतियों का उद्द्येश्य बीमा क्षेत्र में सार्वजनिक कंपनियों की भूमिका कमजोर कर निजी क्षेत्र को बढ़ावा देना है। सरकार के इन क़दमों से निजी बीमा कंपनियों को बीमा बाजार पर कब्जा करने के लिए खुला रास्ता दिया जा रहा है।
सरकार का सैकड़ों कार्यालयों के बड़े पैमाने पर बंद करने और विलय की एकतरफा योजना पॉलिसीधारकों और आम नागरिकों के हितों के भी ख़िलाफ़ है।