बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) के बैनर तले प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में उत्तर भारत के सभी राज्यों के बिजली कर्मचारियों ने 3 अगस्त 2021 को सत्याग्रह आंदोलन में हिस्सा लिया। यह बिल बिजली वितरण का निजीकरण करता है और इससे श्रमिकों और उपभोक्ताओं को नुकसान होगा। सरकार ने संसद के मौजूदा मानसून सत्र में विधेयक को पारित करने का प्रस्ताव दिया है। पूर्व, पश्चिम और दक्षिण भारत के बिजली कर्मचारी क्रमशः 4, 5 और 6 अगस्त को भाग लेंगे।प्रतिभागियों को ईआर. शैलेंद्र दुबे, अध्यक्ष ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ), ईआर. आर के त्रिवेदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स (एआईएफओपीडीई) और ईआर. अभिमन्यु धनखड़, राष्ट्रीय महासचिव, एआईएफओपीडीई सहित अन्य ने संबोधित किया।
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सर्व हिन्द निजीकरण विरोधी फ़ोरम निर्माण करके निजीकरण के खिलाफ एकजुट करने का फैसला बहुत ही अहम है।
एक पर हमला सब पर हमला। नारे के तहत सभी सार्वजनिक और निजी संस्थानों को लामबंद हो होगा। तभी हम देश की संपत्ति को नीजी कंपनीयों यानी भेड़ियों से बचा पायेंगे।