कामगार एकता कमिटी (के ई सी) संवाददाता की रिपोर्ट
मध्यप्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ ने 28 जून 2023 को मध्यप्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी में ज्वाईंट वेंचर, मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी में टी.बी.सी.बी. और मध्यप्रदेश विद्युत् वितरण कंपनियों में विद्युत् (संशोधन) बिल के माध्यम से हो रहे निजीकरण के विरोध सहित सात सूत्री मंगों को लेकर एक दिवसीय कार्य बहिष्कार किया। इस मौके पर आयोजित आम सभा को विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने संबोधित करते हुए निजीकरण के खिलाफ जंग का ऐलान किया और सरकार को निजीकरण की ओर कदम लेने से रोकने को कहा।
वक्ताओं ने कहा कि विद्युत सेक्टर के निजीकरण से विद्युत कर्मचारियों के साथ साथ जनता को भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा और निजी सेक्टर की मनमानी से बिजली के दाम बढ़ेंगे जिसका खामियाजा हर आम आदमी को भुगतना होगा।
अखिल भारतीय विद्युत् अभियंता संघ के अध्यक्ष श्री शैलेन्द्र दुबे ने धरना सभा को संबोधित करते हुये कहा कि मध्य प्रदेश शासन के उपक्रम ‘मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड’ मे अमरकंटक ताप बिद्युत गृह के अंतर्गत नवीन इकाई (लागत रु 5000 करोड़) की स्थापना मात्र 250 करोड़ हेतु एमपीजीसीएल द्वारा सीईसीएल (प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी) के साथ जॉइंट वेंचर अग्रीमेंट हस्ताक्षरित कर एक नवीन प्राइवेट लि. कम्पनी का गठन कर निर्माण करने का निर्णय लिया गया है जो मध्य प्रदेश शासन द्वारा गठित कमेटी की अनुशंसाओ का खुला उल्लंघन है। जॉइंट वेंचर से मध्यप्रदेश शासन को लगभग रु 131 करोड़ का सालाना अतिरिक्त भार वहन करना होगा एवं प्रदेश कि जनता को 40-50 पैसे प्रति यूनिट बिजली महँगी मिलेगी।
मध्य प्रदेश पत्रोपाधि अभियंता संघ के वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष इंजी. अशोक जैन ने कहा कि जॉइंट वेंचर कंपनी से मध्यप्रदेश शासन की उत्तरवर्ती विद्युत कंपनियों पर सीधा असर पड़ेगा और सरकार को भी भारी क्षति होगी।
वक्ताओं ने शासन से आग्रह किया कि मध्य प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली विद्युत विभाग की उत्तरवर्ती कंपनियों के अस्तित्व को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के उपभोक्ताओं और कर्मियों के हित मे निर्णय लिया जाए, उनकी जायज मांगों को समय रहते पूर्ण किया जाए एवं जनरेशन कंपनी में होने जा रहे जॉइंट वेंचर पे तत्काल रोक लगाई जाये।