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- »रेल चालकों का सर्व हिन्द अधिवेशन पटना में संपन्न हुआ
- »चंडीगढ़ में बिजली पंचायत ने बिजली वितरण के निजीकरण के विरोध में सभी राज्यों के बिजली कर्मचारियों द्वारा 31 दिसंबर को एक घंटे के लिए कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया
- »AIFEE ने बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (NCCOEEE) से बिजली क्षेत्र के निजीकरण का विरोध करने के लिए एक दिन की अखिल भारतीय हड़ताल की योजना बनाने को कहा
- »NFPE देश भर में लगभग 100 रेलवे मेल सेवा (RMS) कार्यालयों को बंद करने और अन्य उपायों का विरोध करता है जो ग्राहकों के हितों के खिलाफ हैं
- »लखनऊ में आयोजित ‘‘बिजली पंचायत’’ ने निर्णय लिया कि दो विद्युत वितरण निगमों का निजीकरण वापस कराने हेतु ‘‘करो या मरो’’ की भावना से निर्णायक संघर्ष किया जायेगा
यह बहुत महत्वपूर्ण जानकारी है| इस से स्पष्ट होता है की कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर रोजगार से न केवल मज़दूरों का नुक्सान होता है बल्कि यात्रियों का भी नुक्सान होता है| ठेकाकरण सिर्फ पूंजीपतियों के हित में है: वे कम मजदूरी में अधिक काम करवा सकते हैं| हमारी लड़ाई सिर्फ सरकार की नीतियों के खिलाफ ही नहीं बल्कि पूंजीवाद के शोषण के खिलाफ भी है|