दिल्ली में रेल चालकों का अधिवेशन

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट


28 फरवरी, 2024 को ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसियेशन (ए.आई.एल.आर.एस.ए.) का अधिवेशन दिल्ली में संपन्न हुआ। देश के कोने-कोने से आये ए.आई.एल.आर.एस.ए. के सैंकड़ों प्रतिनिधि सह-परिवार अधिवेशन में शामिल हुये।

याद रखने योग्य है कि रेल चालकों के संगठन ए.आई.एल.आर.एस.ए. ने अपनी मांगों को सरकार के सामने रखन के लिये, पुलिस से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की इजाज़त मांगी थी। पुलिस ने धारा 144 लगे होने का हवाला देते हुये, अनुमति देने से इंकार कर दिया। ऐसी स्थिति में देश के कोने-कोने से आये रेल चालकों को अपने कार्यक्रम को हाल में करना पड़ा।

यह अधिवेशन ऐसे समय पर हुआ, जब ए.आई.एल.आर.एस.ए. के महासचिव और संस्थापक सदस्य कॉमरेड एम.एन. प्रसाद का निधन हाल ही में हुआ है। सभी लोगों ने दो मिनट के लिये खड़े होकर मौन रखा और श्रद्धांजलि दी। ए.आई.एल.आर.एस.ए. के कॉमरेड के.सी. जेम्स सहित, अनेक सदस्यों और समर्थकों ने कामरेड एम.एन. प्रसाद को पुष्पांजलि अर्पित की। साथ ही साथ सीटू से कॉमरेड हेमलता, ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन से श्री शिव गोपाल मिश्रा, उत्तरी रेलवे मज़दूर यूनियन से श्री सुभाष चन्द और मज़दूर एकता कमेटी से कॉमरेड संतोष कुमार आदि ने भी पुष्प मालाएं अर्पित कीं।

अधिवेशन को रेल चालकों के कई नेताओं और विभिन्न मज़दूर संगठनों के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया।

वक्ताओं ने रेल चालकों की समस्याओं को उठाया और रेल चालकों द्वारा किये जा रहे जुझारू संघर्षों के बारे में बताया।

वक्ताओं ने कहा कि मज़दूर वर्ग को कहा जाता है कि वह राजनीति से दूर रहे। वे राजनीतिक बातें न करें। राजनीतिक बातें करना ठीक नहीं है। मजदूरों को सिर्फ़ अपनी मांगों के लिये ही संघर्ष करना चाहिये। ये सरमायदार का प्रचार है जिसके ज़रिये वे हमें निहत्था करना चाहते हैं। चाहे ओ.पी.एस. की मांग हो या सरकारी संस्थानों का निजीकरण, रेलवे की भर्ती हो, महंगाई हो या बेरोज़गारी – किसी भी मुद्दे को समझना है और हल करना है, तो हमें अपने वर्ग का राजनीतिज्ञ बनना पड़ेगा।

वक्ताओं ने कहा कि देश के हर मज़दूर को अपने वर्ग का राजनीतिज्ञ बनना चाहिये। मज़दूर वर्ग की राजनीति करनी चाहिये, तभी वह पूंजीपतियों को टक्कर दे सकते हैं। देश पर पूंजीपति वर्ग राज कर रहा है। अपने पसंदीदा पार्टियों के ज़रिये वे अपना राज चलाते हैं। पार्टियां बदलने से मज़दूर वर्ग का कोई भला नहीं होने वाला है। हमें अपने संघर्ष को जारी रखना होगा।

रेल चालकों द्वारा उठाई गई मुख्य मांगें हैं:

• क्रू को 36 घंटे में हेड क्र्वाटर वापस लाना सुनिश्चित करें।
• एच.पी.सी. कमेटी के अनुसार रंनिग स्टाफ की ड्यूटी 8 घंटे तक सीमित करो।
• इंजन में ही टूल बॉक्स एफ.एस.डी., ट्योलेट एंड एसी कैब उपलब्ध करो।
• एच.ओ.ई.आर. के अनुसार अविलंब 29 घंटे का साप्ताहिक विश्राम लागू करो।
• हेड क्वाटर रेस्ट 16 घंटे सुनिश्चित करो।
• एन.पी.एस. रद्द करो पुरानी पेंशन बहाल करो।
• रनिंग स्टाफ की रात्रि ड्यूटी, दो रात्रि में सीमित करो।
• आठवें वेतन आयोग का अविलंब गठन करो।
• लोको रनिंग स्टाफ के समस्त खाली पदों को तत्काल भरो।

 

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