विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उ.प्र. की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा निगमों के सभी श्रमिक यूनियनों/सेवा संगठनों के पदाधिकारियों ने लखनऊ में खड़े होकर यह शपथ ली कि प्रदेश के ऊर्जा विभाग में किसी भी प्रकार का निजीकरण स्वीकार नहीं करेंगे। निजीकरण की किसी भी एक तरफा कार्यवाही के विरोध में लोकतांत्रिक ढंग से सभी आंदोलनात्मक कदम उठाए जाएंगे जिससे सरकार का ध्यान आकर्षित किया जा सके और निजीकरण का निर्णय वापस कराया जा सके।
संघर्ष समिति की आज लखनऊ में हुई बैठक में निम्न निर्णय लिए गए:
1. माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र भेजकर निजीकरण के पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव को व्यापक जनहित में निरस्त करने की मांग की जाएगी ।
2. 06 दिसंबर को देश के सभी प्रांतों में उत्तर प्रदेश व चंडीगढ़ के निजीकरण के विरोध में राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों व परियोजना मुख्यालय पर भोजन अवकाश / कार्यालय समय के उपरांत विरोध सभा की जाएगी।
3. प्रांतव्यापी जन जागरण अभियान चलाया जाएगा जिसके अंतर्गत प्रदेश के समस्त जनपदों में “बिजली पंचायत” आयोजित की जाएगी जिसमें कर्मचारी, आम उपभोक्ता और किसान सम्मिलित होंगे। जन जागरण अभियान के दौरान समस्त जनपदों में जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन दिया जाएगा।
4. 22 दिसंबर को राजधानी लखनऊ में “विशाल बिजली पंचायत” आयोजित की जाएगी।
इंकलाब जिंदाबाद!