विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उ.प्र. का आह्वान

बिजली के निजीकरण के खिलाफ उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक संघर्ष होने जा रहा है:
आइये हम सब इस इतिहास के साक्षी बनें – इस इतिहास का हिस्सा बनना गर्व की बात होगी।
साथियों, उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के खिलाफ चल रहा संघर्ष अब ऐतिहासिक रूप लेता जा रहा है।25 साल बाद उत्तर प्रदेश की धरती पर बिजली कर्मचारियों के दिलों में जो आग जली है, उसकी तपिश पूरा देश महसूस कर रहा है।
यह कोई सामान्य ट्रेड यूनियन संघर्ष नहीं है. यह न वेतन-भत्तों की बेहतरी की लड़ाई है, न सेवा शर्तों की लड़ाई है।
यह कॉरपोरेट घरानों को औने-पौने दाम पर बेची जा रही लाखों करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति को बचाने के लिए एक जन आंदोलन है – निजी क्षेत्र के बेलगाम प्रशुल्क की लूट से जनता को बचाने की लड़ाई है।
उत्तर प्रदेश की धरती पर एक बड़े संघर्ष की योजना बनाई जा रही है. देश के 27 लाख बिजली कर्मचारी इस संघर्ष का हिस्सा बनेंगे,इसके अलावा यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि देश के सभी बड़े ट्रेड यूनियन/फेडरेशन, मेहनतकश मजदूर और किसान इस संघर्ष में पूरी ताकत से आगे आएं।
वीर साथियों, यह संघर्ष इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो, इसके लिए हम सब को प्रयास करना होगा।
भारत माता के सच्चे सपूत होने के नाते हम सभी को निजी घरानों द्वारा देश की लूट को रोकने के लिए अपने प्रत्येक कर्मचारी को निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार करना होगा।
आइए, उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के खिलाफ ऐतिहासिक संघर्ष का हिस्सा बनें और बिजली क्षेत्र को बचाने के संघर्ष में गौरवपूर्ण तरीके से हिस्सा ले।
“चरैवेति चरैवेति” के मंत्र को आत्मसात करते हुए बिना किसी तनाव के सुधार, संघर्ष और सफलता के पथ पर उत्सव मनाते हुए आगे बढ़ें।
इंकलाब जिंदाबाद!
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उ.प्र