कामगार एकता कमेटी (KEC) संवाददाता की रिपोर्ट
3 मार्च 2025 को देशभर से सैकड़ों बैंक कर्मियों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर बड़े पैमाने पर धरना दिया जिसमें उन्होंने अपनी लंबित मांगों के समाधान की मांग की। उनकी मांगों में सभी संवर्गों में पर्याप्त भर्ती, अस्थायी कर्मचारियों का नियमितीकरण, 5 दिवसीय कार्य सप्ताह लागू करना, कर्मचारियों तथा अधिकारियों की सुरक्षा, आउटसोर्सिंग एवं अनुचित श्रम प्रथाओं का अंत शामिल है। बैंक कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने वित्तीय सेवा विभाग के सचिव को ज्ञापन सौंपा।
7 फरवरी 2025 को यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने बैंक कर्मियों की लंबित मांगों को लेकर आंदोलन और हड़ताल का आह्वान किया। ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIBEA), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (AIBOC), नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्प्लॉइज (NCBE), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA), बैंक एम्प्लॉइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (BEFI), इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (INBOC), इंडियन नेशनल बैंक एम्प्लॉइज फेडरेशन (INBEF), नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (NOBW) और नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स (NOBO) UFBU के सदस्य हैं।
इस आह्वान के बाद से ही देशभर के बैंक मज़दूरों ने कई आंदोलन कार्यक्रम आयोजित किए हैं। 14 और 21 फरवरी को सभी प्रमुख केंद्रों और जिला मुख्यालयों पर शाम को प्रदर्शन आयोजित किए गए। इसके अलावा कई राज्यों में बैंक शाखाओं में पोस्टर अभियान, सोशल मीडिया अभियान और बैज-पहनने के कार्यक्रम आयोजित किए गए। UFBU ने 24 और 25 मार्च को 48 घंटे की राष्ट्रीय हड़ताल की योजना बनाई है।