कामगार एकता कमेटी (केईसी) संवाददाता की रिपोर्ट
उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन (NFIR/URMU) के आह्वान पर विभिन्न शाखाओं ने 17.3.2025 से 21.03.25 तक कहीं पर गेट मीटिंग करके, कहीं काली पट्टी बांध करके, कहीं रैली निकाल करक, कहीं यूपीएस के नोटिफिकेशन की प्रतियों को जला करक, कहीं धरना प्रदर्शन आदि अन्य कार्यक्रमों द्वारा अपनी 10 सूत्री मांगों के लिए विरोध प्रदर्शन किये।
विरोध प्रदर्शन के इसी क्रम में 21.3.2025 को फिरोजपुर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के बाहर गेट मीटिंग के रूप में अपनी मांगों को मनवाने के लिए धरना प्रदर्शन हुआ और वह बाद में जनसभा में तब्दील हो गया।
मुख्य वक्ताओं ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन द्वारा चलाए गए पांच दिवसीय विरोध प्रदर्शन ने मजदूरों की आवाज़ को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया है।
वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि आने वाले समय में पुरानी पेंशन बहाली के लिए उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन बड़े आंदोलन के साथ-साथ सरकार से बड़ी लड़ाई लड़ने का मन बना रहा है। इसके लिए साभी कर्मचारियों को एकजुट होने की आवश्यकता है, खास तौर से युवा साथियों को कंधे से कंधा मिलाकर अपनी पुरानी पेंशन स्कीम की मांग को मनवाने के लिए का काम करना होगा।
यह पांच दिवसीय विरोध प्रदर्शन कर्मचारियों से जुड़ी अनेकों समस्याओं को लेकर किया गया था जैसे:
– करोना काल में फ्रीज कर दिए गए DA के एरियर को बहाल करना
– पुरानी पेंशन शीघ्र बहाल की जाए
– रनिंग कर्मचारियों के माइलेज में बढ़ोतरी की जाए तथा उनके माइलेज का 70% अंश को इनकम टैक्स में छूट दी जाए
– Ldce ओपन टू ऑल लागू किया जाए
– सभी कर्मचारियों से 8 घंटे से अधिक कार्य न लिया जाए
– संरक्षा कोटि के चल रहे रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए
– सभी कर्मचारियों को रिस्क अलाउंस एवं हार्ड ड्यूटी एलाउंस दिया जाए
– लारजेस स्कीम शीघ्र लागू की जाए,
– भारतीय रेल में निजीकरण व निगमीकरण पर अविलंब रोक लगाई जाए,
आदि।