विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र का आह्वान
साथियों,
बिजली के निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट नियुक्त करने हेतु कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट (हितों के टकराव) के प्राविधान को दरकिनार कर तीन कंपनियों अर्नेस्ट एंड यंग, ग्रैंड थ्रामपटन और डेलॉइट की टेक्निकल बिड स्वीकार कर उप्र सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति की धज्जियां उड़ा दी गई है।
21 मार्च को सायं 05 बजे फाइनेंसियल बिड खोले जाने का फरमान जारी कर पॉवर कॉरपोरेशन प्रबन्धन ने अपनी मंशा साफ कर दी है।
आज सभी जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध सभा में शत प्रतिशत कर्मचारी, और इंजीनियर सम्मिलित हों और निजीकरण के विरोध में चल रहे संघर्ष में अपनी एकजुटता का परिचय दें।
निजीकरण रोकना है तो जमीनी स्तर पर अपने अपने संगठन से जुड़े अभियंताओं एवं कर्मचारियों को बहुत मजबूती से जोड़ना होगा।
09 अप्रैल – लखनऊ चलो आज की तारीख में सबसे बड़ा आह्वान है। इसके पूर्व 24 मार्च को मेरठ में और 29 मार्च को वाराणसी में बिजली महापंचायत में अधिकतम संख्या में उपस्थिति सुनिश्चित करें।
एकजुट रहें और निर्भय होकर निजीकरण के विरोध में संघर्ष करें – हम सत्य के रास्ते पर हैं।
विजय हमारी होगी!
सत्यमेव जयते!!
इंकलाब जिंदाबाद!!!
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र