निजीकरण के हर प्रारूप और हर कोशिश का किया जायेगा पुरजोर विरोध!
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश की रिपोर्ट

राजधानी लखनऊ स्थित लेसा में निजीकरण हेतु वर्टिकल रिस्ट्रक्चरिंग कर 8000 पद कम किए जाने के विरोध में बिजली कर्मियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आह्वान पर बिजली कर्मियों ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में प्रांत व्यापी विरोध प्रदर्शन किया। बिजली कर्मियों ने कहा कि निजीकरण के हर प्रारूप और हर कोशिश का पुरजोर विरोध किया जायेगा । बिजली कर्मियों ने दफ्तरों के बाहर आकर जोरदार प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज किया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के केंद्रीय पदाधिकारियों ने बताया कि लेसा में वर्टिकल प्रणाली लागू कर बिजली कर्मियों के लगभग 8000 पद समाप्त किए जा रहे हैं जिससे राजधानी की बिजली व्यवस्था लड़खड़ाने की पूरी संभावना है। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि वर्टिकल प्रणाली केवल निजीकरण के लिए लागू की जा रही है और निजी कंपनियों का मार्ग प्रशस्त करने के लिए बिजली कर्मियों के हजारों पद समाप्त किया जा रहे हैं जिससे कर्मचारियों और इंजीनियरों में भारी गुस्सा व्याप्त है।
संघर्ष समिति ने कहा कि टीजी 2 के लगभग 1350 पद, जूनियर इंजीनियर्स के 287 पद और अभियंताओं के 45 पद समाप्त किए जाने से लेसा में अफरातफरी का माहौल उत्पन्न हो गया है और त्यौहार के समय हर स्तर के कर्मचारी में लखनऊ से हटाए जाने का भय व्याप्त हो गया है जिसका कार्यप्रणाली पर भारी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के समानांतर पश्चिमांचल और मध्यांचल विद्युत वितरण निगमों के अंतर्गत आने वाले सभी बड़े शहरों में वर्टिकल प्रणाली लागू कर इन शहरों की बिजली व्यवस्था अर्बन डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी के अन्तर्गत देने की तैयारी है। संघर्ष समिति ने कहा कि देश के जिन शहरों में निजी कंपनियां अर्बन डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी के तहत काम कर रही हैं उन शहरों में इसी प्रकार की प्रणाली लागू है जिससे कम कर्मचारियों से अधिक काम लिया जा रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि लेसा में वर्टिकल प्रणाली के नाम पर अत्यधिक अल्प वेतन भोगी लगभग 6000 संविदा कर्मियों को हटाया जा रहा है जिससे बिजली व्यवस्था तो चरमरा जाएगी ही साथ ही इतनी बड़ी संख्या में संविदा कर्मियों को हटाना अमानवीय कृत्य भी है।
दीपावली के पर्व के दौरान उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के बाद बिजली कर्मियों ने प्रदेश के समस्त जनपदों में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। बिजली कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन कर संकल्प लिया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में सामूहिक जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा तथा निजीकरण के विरोध में चल रहा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक निजीकरण का निर्णय वापस नहीं लिया जाता। राजधानी लखनऊ में रेजिडेंसी पर विरोध प्रदर्शन किया गया। वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद में भी जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया।
