कॉम. थॉमस फ्रेंको द्वारा, संयुक्त संयोजक, पीपल फर्स्ट और पूर्व महासचिव, अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी)
भारत में 24 निजी बीमा कंपनियां हैं, जिसमें एलआईसी का प्रदर्शन उत्कृष्ट बना हुआ है। आइए हम इसे नष्ट न होने दें। एसबीआई से अच्छे सबक सीखें, बुरे नहीं। हमें नव-उदारवादी नीतियों की जरूरत नहीं है जो केवल कुछ ही लोगों की मदद करती हैं। हमें जनहितैषी नीतियों की जरूरत है जिससे बहुसंख्यकों को लाभ हो। कृपया किसी को बलि का बकरा न बनने दें !
सभी क्षेत्रों में जिसप्रकार से निजीकरण किया जा रहा है उसका असर आम जनता पर ही पड़ने वाला है । और साथ ही साथ उसका असर हम देख रहे है की किसप्रकार इस कोरोना महामारी में लाखो की संख्या में लोग बेरोजगार हुए है कितनो को कम वेतन में बीस घंटे काम करने पर रहे है और उसपर महंगाई बढ़ती ही जा रही है जहां लोग इन सभी समस्या से घिरे हुए है वही सरकार बीमा कंपनी और भी कई अनेक क्षेत्रों को निजी हाथों में सौंप रही है और ऐसा ही चलता रहा तो लोगों के हालात और भी बदत्तर होते चले जायेंगे इसलिए हम सभी को एक होकर इस संघर्ष में कदम से कदम मिलाकर इस गलत व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाना होगा । यही आज वक्त की मांग है ।