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- »बिजली जैसी बुनियादी चीज के निजीकरण का विरोध करें, इसे कुछ कंपनियों के मुनाफे के चंगुल में न जाने दें
- »हमें बिजली वितरण प्रणाली का निजीकरण क्यों रोकना चाहिए?
- »दक्षिण रेलवे के त्रिवेंद्रम डिवीजन के रनिंग स्टाफ को अपनी शिकायतों के समाधान के लिए अनिश्चितकालीन दिन-रात के धरने पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा
- »8 मार्च 2025 को लखनऊ में AIIEAद्वारा अखिल भारतीय बीमा महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया
जनता के पैसे से आम जनता के भलाई के लिये बनाई हुई चंदीगड बिजली विभाग को मुनाफे के लालची खटमल तथा खुंखार बने हुये पुंजीपतीयों को चंदीगड प्रशासन और सरकार बेच रहा है यह सरासर गलत है । आम लोग तथा गरीबोंको महंगी बिजली बेचकर लुटमार करना चाहते है । गरीब जनता उनको बिजली इस्तेमाल करने से दुर रखकर उनके बुनियादी हक का हनन करने का बहुत ही बुरा निर्णय है । हम उस चंदीगड प्रशासन और सरकार के निर्णय का पुरी तरह निंदा करते है । बिजली विभाग के निजीकरण से होने वाले नुकसान के बारेमे जनता को जागृत कर रही तथा चंदीगड प्रशासन और सरकार के बिजली विभाग के निजीकरण निर्णय के विरोध में लढ रही युटी पॉवरमैन युनियन को पुरा समर्थन देते है ।