भारतीय रेलवे में साल दर साल लाखों पद रिक्त रहते हैं, रेल कर्मियों का बोझ बढ़ रहा है और युवाओं को नौकरियों से वंचित किया जा रहा है

केईसी संवाददाता की रिपोर्ट

जब देश के हजारों युवा रेलवे में भर्ती में देरी का विरोध कर रहे हैं, तब भी सरकार खाली पदों को भरने की जल्दी में नहीं है। रेल मंत्री ने हाल ही में स्वीकार किया है कि वर्तमान में भारतीय रेलवे में 2,65,547 रिक्त पद हैं। राजपत्रित अधिकारियों की श्रेणी में रिक्तियां सिर्फ 2,177 हैं, इसलिए अधिकांश रिक्तियां कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों में हैं। उन्होंने आगे बताया कि पिछले पांच वर्षों के दौरान भारतीय रेलवे ने केवल 1,89,790 लोगों की भर्ती की है, जिसका मतलब है कि उसने सालाना औसतन केवल 37,960 कर्मियों की भर्ती की है। इस दर से सभी रिक्त पदों को भरने में 7 वर्ष लगेंगे बशर्ते कोई पद रिक्त न हो! विभिन्न ज़ोन में रिक्त पदों की संख्या संलग्न तालिका में देखी जा सकती है।

यह स्पष्ट है कि सरकार सभी रिक्त पदों को भरने में दिलचस्पी नहीं ले रही है। पिछले पांच वर्षों के दौरान वार्षिक भर्ती ज्यादातर वार्षिक सेवानिवृत्ति/मृत्यु की देखभाल करने के लिए की गयी है। यही कारण है कि 1 अप्रैल 2019 को लगभग तीन साल बाद भी 3,06,227 से रिक्तियों की संख्या में मामूली कमी आई है।

साल दर साल लगभग 20% पदों को खाली रखने से देश के युवाओं को सुरक्षित नौकरियों से वंचित करने के अलावा मौजूदा रेल कर्मचारियों पर काम का दबाव काफी बढ़ गया है। रेल मज़दूरों को अपने और आने वाली पीढ़ियों के लिए सभी रिक्त पदों को तत्काल भरने की मांग का संघर्ष एकजुट होकर करना होगा।

 

 

 

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