कामगार एकता कमेटी (KEC) के संवाददाता की रिपोर्ट
जहां बीमा और अन्य मज़दूर आईपीओ के जरिए एलआईसी के शेयरों की प्रस्तावित बिक्री का विरोध कर रहे हैं, वहीं केंद्र सरकार ने एलआईसी के 20% शेयरों को विदेशी पूंजी के स्वामित्व की अनुमति देने का फैसला किया है।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने 14 मार्च को मेगा पब्लिक ऑफर से पहले LIC में विदेशी निवेश की सुविधा के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति में संशोधन किया। अब सरकार ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के नियमों में संशोधन किया है, जो स्वचालित मार्ग से एलआईसी में 20 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति देगा।
सरकार ने 20% तक विदेशी पूंजी की अनुमति देकर संकेत दिया है कि सरकार एलआईसी के शेयर बेचती रहेगी और एलआईसी पर वित्त पूंजी की पकड़ बढ़ती रहेगी।
यह सर्वविदित है कि भारतीय और विदेशी दोनों वित्तीय पूंजी केवल उनके द्वारा निवेश किए गए शेयरों के मूल्य को अधिकतम करने में रुचि रखते हैं। एलआईसी को अपने शेयरों के मूल्य को अधिकतम करने के लिए अपने सामाजिक और राष्ट्रीय उद्देश्यों को परे रखने के लिए मजबूर किया जाएगा। करोड़ों पॉलिसीधारकों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा।