सामान्य बीमा कर्मचारी अपने वेतन संशोधन एवं अन्य मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए 27-28 जुलाई 2022 को दो दिवसीय हड़ताल पर गए

कामगार एकता कमिटी (KEC) संवाददाता की रिपोर्ट

 

सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों के लगभग 58,000 कर्मचारी अपने लंबे समय से लंबित वेतन संशोधन और अन्य मांगों को लेकर 27-28 जुलाई, 2022, को दो दिवसीय हड़ताल पर गए।

पांच साल के लिए वैध अंतिम वेतन संशोधन अगस्त 2012 में किया गया था, और पांच साल की अवधि का अगला वेतन संशोधन अभी भी अगस्त 2017 से लंबित है, जिसकी वैधता अवधि इस महीने के अंत में समाप्त हो रही है।

सामान्य बीमा कंपनियों के कर्मचारी अपनी मांग को लेकर 15 जुलाई को एक दिन की सांकेतिक हड़ताल पर चले गए थे, खासकर जब से एलआईसी के कर्मचारियों का वेतन समझौता इस साल की शुरुआत में हुआ था।

यूनियनों ने 23 जून, 2022, को केंद्र और इन बीमा कंपनियों के प्रबंधन को एक विस्तृत पत्र भेजा था, जिसमें उनसे एलआईसी के बराबर लंबित वेतन संशोधन को हल करने और निपटाने का आग्रह किया गया था, जैसा कि ऐतिहासिक प्रथा रही है, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई।

बाद में, सरकार ने कर्मचारी संघ से अपनी प्रस्तावित हड़ताल को एक महीने (15 जुलाई तक) टालने के लिए कहा, लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई।

सरकार जानबूझकर वेतन संशोधन में देरी कर रही है। यूनियन नेताओं का आरोप है, ”सरकार का मकसद साफ तौर पर इन कंपनियों कानिजीक रण करना, कर्मचारियों को वीआरएस लेने और नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर करना है।”

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