मजदूर एकता कमेटी का बयान, 23 नवम्बर 2022
निजीकरण के ख़िलाफ़ संघर्ष, इजारेदार पूंजीवादी घरानों के नेतृत्व में पूंजीपति वर्ग के खिलाफ़ मजदूरों, किसानों और अन्य मेहनतकश लोगों का संघर्ष है। अधिकतम मुनाफे के भूखे, इजारेदार पूंजीपतियों की लालच को पूरा करने की अर्थव्यवस्था की वर्तमान दिशा को बदलना होगा। अर्थव्यवस्था को सभी मेहनतकशों की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में संचालित करना होगा। इस नजरिये के साथ, मजदूरों और किसानों को इस संघर्ष को आगे बढ़ाना होगा। इसके लिए मजदूर वर्ग को राजनितिक सत्ता को अपने हाथों में लेने और सभी मुख्य उत्पादन के साधनों को समाज की मालिकी में लेने की आवश्यकता है। ऐसा करके ही अर्थव्यवस्था को नयी दिशा, समाज के सभी सदस्यों की ज़रूरतों को को पूरा करने की दिशा, दिलाई जा सकेगी।