कामगार एकता कमेटी (केईसी) संवाददाता की रिपोर्ट
महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में बिजली उपभोक्ता स्मार्ट मीटर लगाने के विरोध में बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए। कोल्हापुर और महाराष्ट्र के अन्य स्थानों पर किसी न किसी बहाने से पुराने मीटरों को जबरन स्मार्ट मीटर या स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बदला जा रहा है। इस कदम का विरोध करने के लिए ताराबाई पार्क के पास महावितरण कार्यालय में उपभोक्ता और एक सरकार विरोधी राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता एकत्र हुए।
प्रदर्शनकारी उपभोक्ताओं ने मुख्य अभियंता को एक अपील प्रस्तुत करने की योजना बनाई। उनकी अपील में कहा गया कि कोल्हापुर में 12.5 लाख बिजली उपभोक्ताओं में से 9.4 लाख आवासीय उपभोक्ता हैं। लोग पहले से ही महंगाई से जूझ रहे हैं, और अनिवार्य स्मार्ट मीटर लगाना उन पर एक अतिरिक्त बोझ है। जब मुख्य अभियंता ने उपभोक्ताओं से मिलने के लिए कार्यालय से बाहर निकलने से इंकार कर दिया, तो वे जबरदस्ती महावितरण कार्यालय में घुस गए, जिससे उन्हें उनकी अपील स्वीकार करने के लिए बाध्य होना पड़ा।
अंदर जाने पर उपभोक्ताओं ने पाया कि स्मार्ट और प्रीपेड मीटर का प्रबंधन करने के लिए अडानी के कुछ कर्मचारियों को महावितरण कार्यालय के अंदर जगह दी गई थी। इससे नाराज उपभोक्ताओं ने पूछा कि इन कर्मचारियों को यहां कार्यालय स्थापित करने की अनुमति क्यों दी गई। उन्होंने अडानी के कर्मचारियों को हटा दिया और उनके कार्यालय को बंद कर दिया। महावितरण कार्यालय का परिसर “अडानी वापस जाओ! स्मार्ट मीटर लगाने के लिए मजबूर मत करो!” के नारों से गूंज उठा। इस विरोध को महाराष्ट्र राज्य बिजली कर्मचारी महासंघ, अर्जुनवाड़ा और वडांगे की ग्राम पंचायतों और दलप कंडप मिल मालिक संगठन से एकजुटता मिली।