मज़दूर एकता कमेटी द्वारा पहलवानों के संघर्ष के समर्थन में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों को आयोजन

मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट

मज़दूर एकता कमेटी (एमईसी) ने 16 से 21 मई के दौरान, दिल्ली के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों, मज़दूरों के रिहायशी इलाकों के साथ-साथ मेट्रो स्टेशनों पर, सामूहिक विरोध प्रदर्शनों की एक श्रृंखला आयोजित की।

हर शाम दक्षिणी दिल्ली के ओखला औद्योगिक क्षेत्र के फेज़-1 और 2 के महत्वपूर्ण स्थानों पर नुक्कड़ सभाएं आयोजित की गईं। इन नुक्कड़ सभाओं का आयोजन पहलवानों की मांगों के समर्थन के साथ-साथ कार्यस्थल पर और समाज में महिलाओं के यौन शोषण का विरोध करने के लिए किया गया था। इन सभाओं को देखकर फैक्ट्रियों के सैकड़ों मज़दूर जाते हुए रुके और इनमें शामिल हुए।

19 मई को एक विरोध जुलूस निकाला गया जो कालकाजी बस डिपो से शुरू हुआ और ओखला औद्योगिक क्षेत्र फेज-2 के अलग-अलग स्थानों, मज़दूरों की रिहायशी कॉलोनियों और हरकेश नगर मेट्रो स्टेशन से होते हुए, औद्योगिक क्षेत्र के जेड ब्लॉक में एक जनसभा के बदल गया। जुलूस में भाग लेने वालों के हाथों में एक बड़ा बैनर था और तख्तियां थीं, जिन पर लिखें नारे थे : “महिला पहलवानों पर पुलिस का हमला मुर्दाबाद!”, “गुनहगारों को सज़ा दो!”, “देश का गौरव बढ़ाने वाली हमारी बेटियों को न्याय दो!”, “यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ पहलवानों का संघर्ष ज़िंदाबाद!”, “कार्यस्थल पर यौन शोषण मुर्दाबाद!”, आदि। उन्होंने पहलवानों की मांगों के समर्थन में और कार्यस्थल सहित सड़कों पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की।

इस जुलूस का आयोजन मज़दूर एकता कमेटी (एम.ई.सी.), इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस (आई.एफ.टी.यू.), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ए.आई.सी.सी.टी.यू.) और सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। जुलूस के अंत में सभा में शामिल संगठनों के प्रतिनिधियों ने सभा को संबोधित किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से पहलवानों की मांगों के समर्थन में और महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों के लिए आवाज़ बुलंद करने का आह्वान किया।

24 और 25 मई को दिल्ली के मदनपुर खादर की पुनर्वास कॉलोनी में मज़दूरों के रिहायशी इलाकों में नुक्कड़ सभाओं और जुलूस का आयोजन किया गया।

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