सीटीयू 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में होनेवाली महापंचायत के एसकेएम के आह्वान पर अपनी स्पष्ट एकजुटता व्यक्त करते हैं

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र क्षेत्रीय फेडरेशनो/एसोसिएशनो (सीटीयू) के मंच द्वारा जारी संयुक्त प्रेस वक्तव्य


(अंग्रेजी विज्ञप्ति का अनुवाद)

प्रेस विज्ञप्ति

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र क्षेत्रीय फेडरेशनो/एसोसिएशनो के मंच द्वारा आज 26 फरवरी 2024 को हुई उनकी संयुक्त बैठक के बाद प्रेस को निम्नलिखित संयुक्त बयान जारी किया गया।

सीटीयू 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली महापंचायत के एसकेएम के आह्वान पर अपनी स्पष्ट एकजुटता व्यक्त करता है।

सीटीयू और एसकेएम युवा किसान की हत्या की जांच के लिए न्यायिक जांच की मांग करते हैं।

बैठक में इस बात पर संतोष व्यक्त किया गया कि औद्योगिक/क्षेत्रीय हड़ताल के साथ संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र क्षेत्रीय फेडरेशनो/एसोसिएशनो के संयुक्त मंच द्वारा संयुक्त रूप से 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद का आह्वान तथा राष्ट्रव्यापी जन लामबंदी के सफल संचालन द्वारा “केंद्र से मजदूर-विरोधी, किसान-विरोधी, राष्ट्र-विरोधी शासन को उखाड़ फेंको” का नारा देश के सभी कोनों में ले जाया गया। उन्होंने समाज के अन्य वर्गों, संगठनों और सामाजिक आंदोलनों को अपनी एकजुटता का समर्थन देने और विभिन्न स्थलों पर सामूहिक लामबंदी में भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया।

बैठक में पंजाब की शंभू और खनौरी सीमाओं पर प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ हरियाणा और केंद्रीय बलों द्वारा की गई क्रूर कार्रवाई की निंदा की गई, जिसमें युवा किसान शुभकरण सिंह की जान चली गई। यह अत्यंत निंदनीय है कि इन ताकतों ने संघीय ढांचे और राज्य सरकारों के संप्रभु अधिकारों के सम्मान का उल्लंघन किया और पंजाब के क्षेत्र में इन दमनकारी उपायों का इस्तेमाल किया, न केवल पानी की बौछारें और प्लास्टिक की गोलियां बल्कि धातु की गोलियों का भी इस्तेमाल किया गया। अपनी वाजिब मांगें मांग रहे अन्न उत्पादक अन्नदाताओं पर ड्रोन का प्रयोग अत्यंत बर्बरतापूर्ण था। इतना ही नहीं, सेनाएं पंजाब की सीमा के अंदर गईं और किसानों के 50 से अधिक ट्रैक्टरों और वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया और लोगों को बेतरतीब ढंग से उठाते रहे।

सीटीयू और एसकेएम युवा किसान की हत्या के दोषी को कड़ी सजा देने के लिए न्यायिक जांच, जिम्मेदारी तय करने और आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज करने की और किसानों को उनके ट्रैक्टरों और वाहनों को हुए भारी नुकसान की भरपाई करने की मांग करते हैं।

सीटीयू ने अपनी मांगों को लेकर 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में एसकेएम द्वारा बुलाई गई महापंचायत के कार्यक्रम के प्रति अपनी स्पष्ट एकजुटता व्यक्त करते हैं।

सीटीयू और एसकेएम की राज्य इकाइयां 24 अगस्त, 2023 को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित मज़दूरों और किसानों के संयुक्त अखिल भारतीय सम्मेलन में मांगों के सामान्य चार्टर पर हासिल की गई मज़दूर-किसान ऐतिहासिक एकता को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न स्तरों पर राज्यों में समन्वय करना जारी रखेंगी।

देश को बचाने के लिए, लोगों को बचाने के लिए आगे बढ़ो,

मजदूर-विरोधी, किसान-विरोधी, राष्ट्र-विरोधी शासन को उखाड़ फेंको

जारीकर्ता

संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, स्वतंत्र क्षेत्रीय फेडरेशनो/एसोसिएशनो का मंच

 

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