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- »री एम.एस. अदासुल, संचार निगम कार्यकारी संघ (SNEA) के महासचिव द्वारा 9 सितंबर 2024 को सर्व हिंद निजीकरण विरोधी फोरम (AIFAP) द्वारा आयोजित अखिल भारतीय वेबिनार “बीएसएनएल और एमटीएनएल और इसके कर्मचारियों के हितों की रक्षा करें” में दिया गया भाषण
- »कॉम चंदेश्वर सिंह, नेशनल फेडरेशन ऑफ टेलीकॉम एम्प्लॉइज (NFTE) के महासचिव द्वारा 9 सितंबर 2024 को सर्व हिंद निजीकरण विरोधी फोरम (AIFAP) द्वारा आयोजित अखिल भारतीय वेबिनार “बीएसएनएल और एमटीएनएल और इसके कर्मचारियों के हितों की रक्षा करें” में दिया गया भाषण
- »कॉम. ए. मैथ्यू, संयोजक, सर्व हिन्द निजीकरण विरोधी फोरम (AIFAP) और सचिव, कामगार एकता कमिटी (KEC) द्वारा 9 सितंबर 2024 सर्व हिंद निजीकरण विरोधी फोरम (AIFAP) द्वारा आयोजित अखिल भारतीय वेबिनार “बीएसएनएल और एमटीएनएल और इसके कर्मचारियों के हितों की रक्षा करें” में दिया गया भाषण
- »AITUC की आम परिषद ने BSNL को खत्म नहीं होने देने या सार्वजनिक क्षेत्र से बाहर नहीं जाने देने का संकल्प लिया
- »AILRSA प्रतिनिधिमंडल ने दस्तावेजी साक्ष्यों के साथ लोको पायलटों की समस्याएं भारतीय रेलवे की विशेष समितियों के समक्ष रखीं
आजकल तो सभी बैंक का इस्तेमाल तो करते है। अपने मेहनत की कमाई में से थोड़ा सा हिस्सा हम सब बैंकों में रखते है। हम अपना पैसा किसी बैंक मै इसलिए रखते है ताकि वह सुरक्षित रहे। जम हम किसी सरकारी बैंकों में पैसा रखते है तो हमें यह भरोसा होता है की मेरा पैसा सुरक्षित है। लेकिन आज केन्द्र सरकार अपने पुंजिपति मालिकों के लिए बैंकों का निजीकरण कर रहा है। क्या हमारी मेहनत की कमाई निजी बैंकों में सुरक्षित होगी। बैंकों में पड़ा मेहनत का पैसा आज सरकार की कल्याण योजनाओं, निर्माण उद्योग, यानी देश के विकास में काम आता है। निजी बैंक उनमें जमा पैसे उनके मालिकों के धन को और बढ़ाने में लगाएंगे। बैंकों में जमा हमारी पूंजी शेयर मार्केट, विदेशी मुद्रा तथा अन्य सट्टेबाजी योजना में लगा दिया जायेगा। बैंकों के निजीकरण से खतरा उनमें काम करने वाले कर्मचारियों से ज्यादा उनके उपभोक्ताओं को है। इसीलिए UFBU के आव्हान पर हम सभी नागरिकों को बैंक कर्मचारियों के संघर्ष में उनका साथ देश चाहिए।
लोगों के कल्याण के लिए लोगों का पैसा।
बैंकों का निजीकरण नहीं चलेगा।
बैंक कर्मचारियों के संघर्ष को लाल सलाम