ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष श्री शैलेन्द्र दुबे का सभी इंजीनियरों और कर्मचारियों को उनके 8 अगस्त 2022 को ऐतिहासिक सफल विरोध प्रदर्शन पर संदेश
बहादुर साथियों,
इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2022 के विरोध में आज पूरे देश में बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने अपनी फौलादी एकता का परिचय देते हुए कार्य स्थल छोड़कर ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन किये। केन्द्र सरकार इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2022 को लोकतांत्रिक परम्पराओं की धज्जियां उड़ाते हुए आज लोकसभा में पारित करना चाहती थी किन्तु बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों के सभी फेडरेशनों के सुनियोजित प्रयास का परिणाम यह रहा कि, लोकसभा में लगभग सभी विपक्षी दलों ने इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2022 रखे जाने का, लोकतांत्रिक मूल्यों और बिल के जन विरोधी प्राविधानों का हवाला देते हुए, जोरदार विरोध किया। अन्ततः सरकार को फिलहाल अपने कदम वापस लेने पड़े हैं और इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2022 आज 08 अगस्त को लोकसभा में पारित नहीं किया जा सका। इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2022 को संसद की बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को संदर्भित कर दिया गया है।
स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष हम अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगेंगे और अपनी बात रखेंगे। इस दौरान इस बिल के जनविरोधी व कर्मचारी विरोधी प्राविधानों के बारे में आम जनता विशेषतया किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं को हमें पूरी तरह जागरूक करना होगा। साथ ही बिजली कर्मियों को भी निर्णायक संघर्ष के लिए लामबन्द करना होगा। यह अभियान सतत चलाना पड़ेगा।
डा. राम मनोहर लोहिया कहा करते थे कि जब सड़क खामोश हो जाती है तब संसद आवारा हो जाती है। डा. लोहिया की बात आज पूरी तरह चरितार्थ होती दिखी । इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2022 संसद के मानसून सत्र की सूची में नहीं था। अचानक 06 अगस्त को इसे सूची में डाला गया और 08 अगस्त को अनुपूरक सूची जारी कर इसे प्रस्तुत करने और पारित करने हेतु लोकसभा में रखा गया। यह पूरी तरह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का खुला मजाक था किन्तु जिस प्रकार से देश भर में बिजली कर्मियों ने सड़क पर उतर कर सड़क की खामोशी तोड़ी वह बिल को पारित होने से रोकने में सबसे बड़ा कारक था। सड़क की खामोशी तोड़कर बिजली कर्मियों ने मनमानेपन अंकुश लगाया है।
देश भर में आज के कार्यक्रमों की ऐतिहासिक सफलता के लिए सभी बिजली कर्मियों को क्रांतिकारी अभिवादन करते हुए आने वाले समय में निर्णायक संघर्ष के लिए संकल्पबद्ध होने के आह्वान के साथ।
इंकलाब जिन्दाबाद!
@AIPEF