ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPEF) द्वारा प्रेस नोट
(अंग्रेजी प्रेस नोट का हिंदी अनुवाद)
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन
प्रेस नोट
जनवरी 11, 2023
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अदानी पावर को समानांतर लाइसेंस देने का पुरजोर विरोध किया जाएगा
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPEF) ने आज यहां जारी एक बयान में कहा है कि अगर नोएडा और ग्रेटर नोएडा या उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अधिकार क्षेत्र के किसी अन्य स्थान पर किसी निजी कंपनी को बिजली वितरण लाइसेंस देने का प्रयास किया जाता है, तो उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि अदानी पावर की कंपनी अदानी जेवर इलेक्ट्रिकल कंपनी लिमिटेड ने हाल ही में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बिजली के वितरण के लिए समानांतर लाइसेंस प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में आवेदन किया है।
इससे पहले अदानी ने नवी मुंबई और टोरेंट पावर ने महाराष्ट्र में पुणे और नागपुर में समानांतर लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, जिसके विरोध में महाराष्ट्र के बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने हड़ताल की थी। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हड़ताल के बीच बिजली कर्मचारियों से बातचीत की और लिखित आश्वासन दिया कि महाराष्ट्र सरकार नियामक आयोग में समानांतर लाइसेंस का विरोध करेगी और निजीकरण की अनुमति नहीं देगी।
उन्होंने कहा कि विद्युत अधिनियम 2003 के अनुसार बिजली वितरण के लिए समानांतर लाइसेंस प्राप्त करने की मूल शर्त यह है कि निजी कंपनी के पास अपने स्वयं के सबस्टेशन और लाइनों का नेटवर्क होना चाहिए जिस क्षेत्र में उसने लाइसेंस मांगा है। उल्लेखनीय है कि नोएडा में बिजली वितरण का पूरा नेटवर्क पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के पास है और अदानी का वहां कोई नेटवर्क नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि 1993 में निजी कंपनी एनपीसीएल को ग्रेटर नोएडा में बिजली वितरण का लाइसेंस दिया गया था, जिसकी अवधि अगस्त 2023 में समाप्त हो रही है। ऐसे में यह नेटवर्क स्वत: ही पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के पास आ जाएगा। इसलिए ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में भी किसी कंपनी को तब तक लाइसेंस नहीं दिया जा सकता जब तक कि वह कंपनी अपना नेटवर्क पूरी तरह से तैयार नहीं कर लेती।
शैलेंद्र दुबेजी ने यूपी की आम जनता को आगाह करते हुए कहा कि निजी कंपनी पावर कार्पोरेशन के नेटवर्क का उपयोग कर भारी औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति के लिए लाइसेंस मांग रही है, जिसका अर्थ है कि निजी कंपनी बिना अपना नेटवर्क बनाए सरकारी कंपनी के नेटवर्क का उपयोग कर रही है। सरकारी डिस्कॉम नेटवर्क का उपयोग करके अदानी पावर औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को बिजली निगम से छीन लेगी जिसका बिजली निगम की वित्तीय स्थिति पर भारी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
इस प्रकार यह प्रयोग न तो विद्युत निगम के हित में है और न ही राज्य के कृषि एवं घरेलू उपभोक्ताओं के हित में।
उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की है कि आम उपभोक्ताओं के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार की तरह उत्तर प्रदेश सरकार भी अदानी पावर कंपनी द्वारा विद्युत नियामक आयोग में लाइसेंस की मांग का पुरजोर विरोध करे।
शैलेंद्र दुबे
अध्यक्ष
9415006225