मुद्रीकरण पाईपलाइन कार्यक्रम और BSNL के निजीकरण के ख़िलाफ़ NFTE ने कन्वेंशन आयोजित किया

संयुक्त रूप से प्रकाशित पुस्तिका “क्यों मुद्रीकरण, निगमीकरण और निजीकरण आपके लिए हानिकारक है!” का लॉन्च
कॉमरेड रंजन दानी, सर्कल सचिव, महाराष्ट्र, NFTE से प्राप्त रिपोर्ट

(मराठी रिपोर्ट का हिंदी अनुवाद)

केंद्र सरकार द्वारा घोषित मुद्रीकरण पाइपलाइन कार्यक्रम महत्वपूर्ण सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों और सेवा को निजी मालिकों को सौंपने की साजिश है। इसके कारण बिजली, दूरसंचार, रेलवे, बैंक, गैस, तेल आदि की दरों पर कोई सीमा नहीं होगी। निजी क्षेत्र जो केवल अपने लालच के लिए काम करता है, अपने मुनाफे में वृद्धि करने के लिए नई तकनीक का उपयोग करेगा, श्रमिकों की संख्या में कटौती करेगा और कीमतों को बढ़ाएगा, जिस से आम लोगों का जीवन और कठिन बनेगा। आर्थिक विकास के नाम पर की जा रही इस धोखाधड़ी को समाज के सामने बेनकाब करने का काम संगठित वर्ग को करना है। हम इस तथ्य का स्वागत करते हैं कि बैंक, बीमा, रक्षा, BSNL, आदि के क्षेत्र के संगठन इसके खिलाफ लड़ रहे हैं; परन्तु इस वास्तविकता को हम नहीं भूल सकते कि मुट्ठी भर लोगों को लाभान्वित करने के लिए लागू किया जा रहा कार्यक्रम आम लोगों को सम्मानजनक जीवन नहीं दे सकता है और काम पर लगी सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक ताकतों के प्रति सचेत हुए बिना श्रमिक आंदोलन सफल नहीं हो सकता – यह Adv. ढोबले ने स्पष्ट रूप से कहा।
इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रसिद्ध लेखक प्रो. जयदेव ढोले ने बताया कि नई आर्थिक नीति अपने आप में भ्रष्टाचार का एक बड़ा उदाहरण है। धन का केंद्रीकरण हो रहा है क्योंकि विकास की पूरी प्रक्रिया और राजनीति निजी व्यापारियों और पूंजीपतियों द्वारा प्रभावित हो रही है। अब ये उद्योगपति राज्यसभा और लोकसभा में सीधे सीधे देखे जा रहे हैं। लगभग सभी सांसद करोड़पति हैं। समृद्धि महामार्ग से लेकर मुद्रीकरण पाइपलाइन तक का सारा प्रयास अमीर वर्ग के धन और मुनाफे को बढ़ाने के लिए है। मजदूर वर्ग को चाहिए कि वह इस स्थिति की चुनौती और गंभीरता को ध्यान में रखकर अपने संघर्ष और रणनीति तैयार करे।
सम्मेलन में अपने भाषण में, संगठन के सर्कल सचिव, कॉम. रंजन दानी ने कहा कि BSNL के टावर और फाइबर भी निजी कंपनियों को सौंपे जा रहे हैं, जिससे सरकार को 35 हज़ार करोड़ों रुपये की आमदनी होगी। कंपनी और इसके यूजर्स दोनों को ही परेशानी हो रही है क्योंकि BSNL को अभी भी 4G सेवा की अनुमति नहीं दी जा रही है। निजी दूरसंचार कंपनियों ने अपने दरों में बड़े पैमाने पर वृद्धि की है। टावर और फाइबर BSNL की महत्वपूर्ण संपत्ति हैं। मुद्रीकरण कार्यक्रम के कारण उन्हें ख़तरा है, और यह नीति उपयोगकर्ताओं के साथ-साथ देश के हितों के लिए हानिकारक है। उन्होंने अपील की कि आने वाले दिनों में सभी संगठनों ने एक साथ आकर तथा देश में मजदूर आंदोलन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करना चाहिए और इस नीति को ख़त्म कर देना चाहिये।
इस सम्मेलन की अध्यक्षता कॉम. मुकेश शिंगाडे ने किया और संचालन जिला सचिव कॉम. शिवाजी चव्हाण ने किया। कॉम. एस वी गायकवाड़ ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। इस अधिवेशन में बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने भाग लिया। कॉम. राम निंबालकर, कॉम. भान सिंह, कॉम. सचिन कामजलगे, कॉम. राठौड़, पोहाल, कॉम. के के बोचरे, कॉम. आरके, कॉम. चौधरी, कॉम. नंदू पाटिल, कॉम. देवकर, कॉम. शेख अलीम आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments